उत्तराखंड

यात्रियों को पहाड़ की संस्कृति से कराया जा रहा है रूबरू

पांडव नृत्य, चक्रव्यूह आदि हो रहा मंचनजिले के बड़े होटलों में आयोजित हो रहे कार्यक्रम 

रुद्रप्रयाग। बद्री-केदार की तीर्थ यात्रा पर आने वाले देश-विदेश के तीर्थ यात्रियों को इस बार प्रशासन और जिले के बड़े होटल स्वामियों की ओर से उत्तराखण्ड की पौराणिक संस्कृति से रूबरू करवाया जा रहा है। गुरूवार की रात नरकोटा में स्थित सम्राट होटल में भारत सरकार की संसदीय राजभाषा समिति के दल के साथ ही अन्य यात्रियों को पांडव लीला और नृत्य से अवगत कराया गया। लगभग एक घंटे तक चले इस नृत्य का यात्रियों ने जमकर आनंद लिया। प्रशासन की मुहीम रंग लेती दिखाई दे रही है। देश-विदेश से बद्रीनाथ और केदारनाथ की यात्रा पर पहुंच रहे तीर्थ यात्रियों को स्थानीय परिधान में उत्तराखण्ड की पौराणिक संस्कृति से रूबरू करवाया जा रहा है। प्रथम रात्रि जिले के सम्राट होटल में पांडव नृत्य का आयोजन किया गया। इस दौरान यात्रियों को गैंडा कौथिग दिखाया गया।

उत्सव गु्रप द्वारा डाॅ राकेश भटट के निर्देशन में हुये गैंडा कौथिग की यात्रियों ने जमकर सराहना की। इस अवसर पर भारत सरकार की संसदीय राजभाषा समिति के संयोजक एवं सांसद हुकम देव ने कहा कि रुद्रप्रयाग जिला प्रशासन का यहां की संस्कृति को देश-विदेश तक पहुंचाने का यह सराहनीय प्रयास है। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के कार्यक्रम आयोजित होने से हमारी पौराणिक संस्कृति बची रही और इसको एक नई पहचान मिलेगी। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड को देवभूमि के नाम से जाना जाता है। इसलिये यहां की संस्कृति की देश-विदेश में विशेष महत्ता है। जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने कहा कि प्रशासन का मकसद हमारी पौराणिक संस्कृति को एक नई पहचान दिलाना है। यात्रियों को उत्तराखण्ड की विभिन्न सांस्कृतिक झलकियां दिखाई जा रही हैं। उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में सचिन होटल, शिवालिक होटल, गढ़वाल मंडल विकास निगम आदि बड़े होटलों में इस प्रकार के कार्यक्रम आयोजित किये जाएंगे। इस मौके पर पुलिस अधीक्षक प्रहलाद नारायण मीणा, जिला साहसिक पर्यटन अधिकारी सुशील कुमार नौटियाल सहित अन्य मौजूद थे।

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