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इस युवक ने बनाया ऐसा चूल्हा जो चाय भी बनाता है और बिजली भी..

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इस युवक ने बनाया ऐसा चूल्हा जो चाय भी बनाता है और बिजली भी..

सोशल : एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक उदयपुर (राजस्थान) के चीरवा गाँव में चाय की दूकान चलाने वाले गोवर्धन नामक युवक ने एक ऐसा चूल्हा बनाया है जो चूल्हे का काम करने के साथ-साथ बिजली भी बनाता है. यह एक ऐसा थ्री-इन-वन चूल्हा है जिससे घर का खाना भी पकता है, दुकान पर चाय भी बनती है और मुफ्त में बिजली भी बनती है.

 

 

इस चूल्हे से इतनी बिजली बन जाती है कि गोवर्धन का मोबाइल चार्ज होता रहता है और घर की लाइट भी जल जाती है. इस यन्त्र में क्वाइल के साथ छोटा पावर जेनरेटर लगा है जो हीट और धुएं के प्रेशर से काम करता है. जैसे ही लकड़ी या गोबर के उपले चूल्हे में डालकर जलाते हैं, उसमें से उठते धुएँ और गरमी के प्रेशर से यंत्र काम करना शुरू कर देता है. चूल्हे में लगे प्लग बोर्ड से यन्त्र के अन्दर पैदा हुई बिजली को काम में ले लिया जाता है.

 

 

फैक्ट्री में काम करते-करते आया दिमाग में आइडिया और बन गया इंजीनियर..

आठवीं तक की पढ़ाई करने के बाद स्कूल से नाता तोड़ चुके गोवर्धन दिमाग से किसी इंजीनियर से कम नहीं हैं। वो बताते हैं कि किसी पंखे की फैक्ट्री में काम करते-करते उन्हे ये आइडिया आया है। शहर से कुछ सामान लाकर उन्होंने खुद एसेंबल कर ये हाईटेक चूल्हे बनाया। चूल्हा भले ही लकड़ी या गोबर से जलता हो लेकिन उसके काम कई हैं। चूल्हे से पहला काम चाय बनाना है। चाय बनाते-बनाते उसके अंदर मौजूद यंत्र से करंट पैदा होता है। उसमें प्लग सिस्टम लगा है जिससे आप फोन चार्ज करने के साथ लाइट भी जला सकते हैं।

 

 

बिजली नहीं मिली तो खुद बिजली तैयार करने का आया ख्याल..

गोवर्धन बताते हैं कि उनके गांव में बिजली नहीं के बराबर आती है। लोग मोबाइल चार्ज करने के लिए इधर उधर भटकते रहते हैं। गांव से छह किलोमीटर दूर जाकर मोबाइल चार्ज करना पड़ता है। बिजली किल्लत से होने वाली समस्याओं से परेशान होकर फैक्ट्री में काम करते करते आखिर इसके निर्माण करने का ख्याल आया।

 

 

पहले नहीं मिली सफलता , पर हार नहीं मानी और मेहनत रंग लाई..

इसे बनाने के दो महीने बाद तक भी यह काम नहीं किया तो गोवर्धन को लगा कि यह उसके बस की बात नहीं है लेकिन बार-बार मशीनों को जोड़ने और इधर-उधर कनेक्ट कर देखने के बाद आखिरकार बत्ती जल गई। इसके साथ ही उसकी मेहनत रंग लाई। वो बताते हैं कि सरकार भी इस यंत्र को बनाने का काम कर रही है। बहुत जल्द गांवों में, जहां बिजली की समस्या ज्यादा है वहां इसे प्रयोग करने की योजना बनाई जा रही है।

 

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