आखिर क्यों: धारी देवी के पुजारी ने की बड़े अशुभ की भविष्यावाणी..
उत्तराखंड: मां धारी देवी की डोली यात्रा आज कल खासी चर्चाओं में हैं, एक और जहाँ उनके समर्थक धारी देवी की डोली यात्रा को गांव गांव पहुंचा कर एतिहासिक बनाने में तुले हैं, वही कई लोगों द्वारा आस्था के प्रतीक से खिलवाड़ करने का आरोप भी लगाया जा रहा हैं। धारी देवी की डोली को हाईकोर्ट के प्रतिष्ठित वकील सजय शर्मा के समर्थक आज कल गांव गांव पहुंचा रहे हैं।
दरअसल संजय शर्मा इस बार बीजेपी के टिकट पर केदारनाथ विधानसभा से चुनाव लड़ने की हरसत पाले हैं।अब इसे संयोग कहें या कुछ और लेकिन संयोग से चुनावी वर्ष से पहले वे धारी डोली की यात्रा का आयोजन भी कर रहे हैं, ऐसे में उनकी राजनीति पर सवाल उठना कोई बड़ी बात नही है|लेकिन इस बार सवाल किसी राजनेता ने नहीं बल्कि उसी मां धारी देवी के पुजारी ने उठाया है, जिस धारी मा की डोली को गांव गांव घुमाया जा रहा हैं। धारी देवी के पुजारी आशीष देवी पाड़े ने भारी अशुभ की भविष्यवाणी भी की है।
शायद आपको याद होगा कि केदारनाथ आपदा के समय भी मां धारी देवी के मंदिर को उठाने को लेकर सवाल उठे थे। और उसके साथ ही 2013 की केदारनाथ की आपदा को भी कई लोग जोड़कर देखते आए हैं, ये भी एक संयोग ही है कि जिस दिन रुद्रप्रयाग के संजय शर्मा ने धारी देवी से अपनी डोली यात्रा शुरू की थी उसी दिन चमोली के तपोवन क्षेत्र में भी भंयकर आपदा आयी। ऐसे में धारी देवी से जुड़ी मान्यताओं से छेड़छाड़ पर लोग हमेशा से ही भयभीत रहे हैं। और अब धारी देवी के पुजारी ने धारी देवी की कथित डोली घुमाकर अपनी राजनीति चमकाने वाले लोगों को 2 साल के भीतर भयकर अशुभ की चेतवानी देकर फिर डरा दिया है।
अपनी फेसबुक पोस्ट पर बयान जारी करते हुए धारी देवी के पुजारी आशीष देवी पाडे ने कहा कि “साथियों मां धारी देवी भगवती पर विशेष आस्था रखने वाले सभी भक्तजनों, मैं आशीष देव पाडे पुजारी मा धारी देवी , आप सभी लोगों से नम्र निवेदन एवं हाथ जोड़कर विनती करता हूं की मां धारी देवी का कोई भी निशान डोली कहीं पर भी गमन नहीं करती है। जो भी लोग मां धारी देवी की डोली आदि को ले जाने की बात करते हैं, निशान को ले जाने की बात करते हैं, तो उन सभी लोगों से भी करबद्धा निवेदन करता हूं कि कृपया ऐसा ना करें आप लोग मा धारी देवी के नाम पर आस्था के साथ खिलवाड़ ना करें।
पुजारी आशीष देवी पाडे ने आगे लिखा कि मां धारी देवी की कोई भी आधिकारिक डोली धारी देवी मंदिर कलियासोर से एक मंदिर समिति की सहमति से कहीं पर भी नहीं जाती है।। अगर कोई अपने स्वार्थ वश ऐसा करता है तो आपदा आप लोगों के समक्ष स्वयं मुह उठाए खड़ी हो रखी है।। इस प्रकार डोली निशान आदि कही न लेकर जाये। वरना आप बिल्कुल भी सुरक्षित नहीं रहेंगे। यह मैं आज भविष्यवाणी करता हूँ। कि अगर आप इसी प्रकार से करते रहे तो अगले 2 वर्ष के भीतर आप लोगों को भयंकर परिणाम भुगतने पढेगे।