उत्तराखंड

कल शिवरात्रि पर्व पर केदारनाथ कपाट खुलने की तिथि होगी तय..

ओंकारेश्वर मंदिर को फूलों से सजाया गया..

रुद्रप्रयाग: द्वादश ज्योर्तिलिंगों में अग्रणी व पर्वतराज हिमालय की गोद में बसे भगवान केदारनाथ के कपाट खोलने व भगवान केदारनाथ की पंचमुखी चल विग्रह उत्सव डोली के ऊखीमठ से हिमालय प्रस्थान होने की तिथि पौराणिक परम्पराओं व रीति-रिवाजों के साथ 11 मार्च को महाशिवरात्रि पर्व पर पंचाग गणना के अनुसार भगवान केदारनाथ के शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मन्दिर में प्रधान पुजारियों, वेदपाठियों व हक-हकूकधारियों की मौजूदगी में घोषित की जायेगी और महाशिवरात्रि पर्व पर ओंकारेश्वर मन्दिर में देश-विदेश के श्रद्धालुओं द्वारा भण्डारे का आयोजन किया जायेगा। इसके अलावा देव स्थानम् बोर्ड द्वारा सत्संग का आयोजन भी किया जायेगा।

 

भगवान केदारनाथ के कपाट खोलने की तिथि घोषित करने के लिए देवस्थानम् बोर्ड ने सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं और देश-विदेश के श्रद्धालुओं का ऊखीमठ आगमन शुरू हो गया है। जानकारी देते हुए देवस्थानम् बोर्ड के अधिकारी राजकुमार नौटियाल ने बताया कि द्वादश ज्योर्तिलिंगों में अग्रणी भगवान केदारनाथ के कपाट खोलने और भगवान केदारनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली के शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मन्दिर ऊखीमठ से हिमालय प्रस्थान होने की तिथि महाशिवरात्रि पर्व पर पंचाग गणना के अनुसार घोषित की जायेगी।

 

महाशिवरात्रि पर्व पर विगत वर्षों की भांति इस वर्ष भी तल्लानागपुर के सामाजिक कार्यकर्ता व वरिष्ठ अधिवक्ता संजय शर्मा दरमोड़ा सहित कई श्रद्धालुओं द्वारा भण्डारे का आयोजन किया जायेगा और देवस्थानम् बोर्ड द्वारा सत्संग सभा का आयोजन करने पर विचार किया जा रहा है। महाशिवरात्रि पर्व पर भगवान केदारनाथ के कपाट खोलने की तिथि को लेकर स्थानीय जनता में भारी उत्साह बना हुआ है। वहीं दूसरी ओर शिवरात्रि पर्व के अवसर पर केदारनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि तय होने को लेकर दानी दाताओं और देवस्थानम बोर्ड की ओर से ओंकारेश्वर मंदिर की साजसज्जा की गई है। मंदिर को फूलों से सजाया गया है।

 

कार्यक्रम को लेकर केदारनाथ धाम के राॅवल भीमाशंकर लिंग और चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड के अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी बीडी सिंह ऊखीमठ पहुंच गये हैं। इस मौके पर एनपी जमलोकी, वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी राजकुमार नौटियाल, प्रशासनिक अधिकारी यदुवीर पुष्पवान, पुजारी शिवशंकर लिंग, पुजारी बागेश लिंग, वेदपाठी विश्वमोहन जमलोकी, आशाराम नौटियाल, डाॅ हरीश गौड़, मनोज शुक्ला, पारेश्वर त्रिवेदी, पुष्कर रावत, प्रेम सिंह रावत, विदेश शैव आदि मौजूद थे।

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