देहरादून। एक दिन पहले दोषी ठहराए गए राजेश गुलाटी को अदालत ने अपनी पत्नी की जघन्य हत्या करने के आरोप में आजीवन कारावास की सजा सुनाई। एडीजी पंचम विनोद कुमार की अदालत ने यह फ़ैसला सुनाया।
इससे पहले दोनों पक्षों ने सजा के मामले में लंबी बहस की। बचाव पक्ष की तरफ से आजीवन कारावास की मांग की गई। जबकि सरकारी पक्ष के वकील ने इस मामले को जघन्यतम से भी ज्यादा क्रूर मानते हुए फांसी की सजा की मांग की। सरकारी पक्ष के वकील ने बहस के दौरान बताया कि यह मामला पूरे भारत में अकेला है, जिसने अपने घर में पत्नी की हत्या करके शव के टुकड़े किए। दोनों पक्ष के सुनवाई दोनों पक्षों का तर्क सुनने के बाद अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई।
गौरतलब है कि आज से 7 साल पहले पेशे से सॉफ्टवेयर इंजीनियर राजेश गुलाटी ने पत्नी अनुपमा गुलाटी की हत्या कर दी थी। वह हत्या करने के बाद 2 महीने तक शव के साथ रहा। उसने शव के कई टुकड़े किए और शव के कुछ टुकड़े डीप फ्रीज में रखे थे और कुछ टुकड़े जंगल में फेंक दिए। मृतक महिला के भाई ने जब उसकी तलाश शुरु की तो मामले का खुलासा हुआ था।