जापान में बूढ़ाकेदार का परचम लहरा रहा हैं टिहरी का ये युवक..
उत्तराखंड: कहते हैं, ना कि कुछ प्रतिभाएं ऐसी होती हैं, जो सफर के दौरान अपने पैरों की छाप छोड़ जाती हैं। जिन पर चलकर दूसरों को भी मंजिल मिल जाती है। ऐसी ही कहानी हैं। बूढ़ाकेदार निवासी विकास सेमवाल की। इनका जापान के ओसाका शहर में जेजीकेपी (जय गुरु कैलापीर) नाम से रेस्टोरेट श्रृंखला है।
वर्तमान में विकास के पास पांच रेस्टोरेट हैं। जिनमें से एक का संचालन विकास खुद कर रहे हैं। और चार रेस्टोरेट उनके माध्यम से अन्य लोग चला रहे हैं। विकास का प्रयास यही है कि युवाओं को रेस्टोरेट श्रृंखला के माध्यम से रोजगार उपलब्ध कराया जाए। 10 स्थानीय निवासियों को विकास ने जापान में रोजगार उपलब्ध कराया भी है।
जापान जाकर 42 वर्षीय विकास की एक सफल कारोबारी बनने की कहानी भी बड़ी दिलचस्प है। जब साल 2009 में मेरठ से कंप्यूटर साइंस से बीटेक करने के बाद विकास जापान चले गए। तो वहां पर उन्होंने एक कंसल्टेंसी में बतौर कंप्यूटर इंजीनियर नौकरी शुरू की। साल 2011 में वैश्विक मंदी के दौरान कंसल्टेंसी बंद हो गई थी। और विकास की नौकरी छूट गई। लेकिन, विकास ने हिम्मत नहीं हारी और जापान में ही अपने कारोबार करने की सोची।
फिर उन्होंने सबसे पहले अपने वर्किंग वीजा को बिजनेस वीजा में परिवर्तित कराया। इसके बाद साल 2013 में पहला रेस्टोरेट खोला। रेस्टोरेट चल निकला तो वर्ष 2014 में विकास परिवार को भी अपने साथ जापान ले गए। आज वह एक सफल कारोबारी हैं। विकास जब भी गांव आते हैं तो उनके दोस्त, रिश्तेदार उनसे विदेश में बिजनेस का मंत्र लेते हैं। और विकास उन्हें बिजनेस मंत्र देने के साथ ही जापान आने का आमंत्रण नहीं देते हैं।
बूढ़ाकेदार में गुरु केलापीर देवता में क्षेत्रवासियों की अटूट श्रद्धा है। यहाँ पर देवता के नाम से मार्गशीर्ष माह में तीन दिवसीय ऐतिहासिक मेला भी आयोजित किया जाता है। विकास कहते हैं, कि नौकरी छूटने के बाद संकट की घड़ी में उन्हें अपने आराध्य देव की याद आई। इसलिए उन्होंने कैलापीर देवता के नाम से ही एजेंसी खोली। उन्हें पता था कि वो जरूर मददगार होंगे।