10 दिन में शुरू होगा ऑक्सीजन का उत्पादन..
देश-विदेश: सुप्रीम कोर्ट ने वेदांता के स्टरलाइट प्लांट में ऑक्सीजन उत्पादन करने की मंजूरी दे दी है। कोरोना संकट को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने ऑक्सीजन उत्पादन करने का आदेश जारी किया है इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने एक्सपर्ट कमेटी का गठन भी किया है। जो तय करेगी प्लांट के भीतर कितने लोगों की जरूरत है। वेदांता इस प्लांट में मेडिकल ऑक्सीजन उत्पादन करेगा और साथ ही मुफ्त में ऑक्सीजन भी मुहैया कराएगा। आपको बता दे कि तीन साल से बंद पड़े तमिलनाडु में वेदांता स्टरलाइट प्लांट को खोलने के लिए याचिका लगाई गई थी।
वेदांता की ओर से वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि वेदांता स्टारलाइट प्लांट में सिर्फ ऑक्सीजन प्लांट चालू करना चाहते हैं। जिस पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा यह राष्ट्रीय आपदा है। केंद्र और राज्य सरकारों के बीच राजनीति कलह नहीं होनी चाहिए। यह कहते हुए सुप्रीम कोर्ट ने वेदांता को तूतीकोरिन कॉपर प्लांट में सिर्फ ऑक्सीजन प्लांट शुरू करने की इजाजत दी है।
Supreme Court starts hearing a plea seeking reopening of Vedanta's Sterlite plant in Tamil Nadu for production of oxygen to be used for treatment of COVID patients
Solicitor General Tushar Mehta says produced oxygen should be given to the Centre for allocation to various states pic.twitter.com/EIKnuwD43v
— ANI (@ANI) April 27, 2021
जस्टिस एल नागेश्वर राव, जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस इस रविन्द्र भट की पीठ में इस मामले की सुनवाई की। जस्टिस चंद्रचूड़ ने वरिष्ठ वकील साल्वे से पूछा कि आप संयंत्र को कब से शुरू कर सकते हैं। इस पर हरीश साल्वे ने कहा कि 10 दिन के अंदर ऑक्सीजन प्लांट शुरू कर दिया जाएगा। वहीं सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने भी कोर्ट के सामने केंद्र सरकार का पक्ष रखा। आपको बता दें कि देश में कोरोना संकट लगातार बढ़ता ही जा रहा है। बढ़ते मरीजों की वजह से स्वास्थ्य सुविधाओं पर भी बुरा असर पड़ रहा है। जिसके चलते अस्पतालों में ऑक्सीजन और बेड की भारी कमी हो रही है।
राज्य सरकार की ओर से मिल चुकी है मंजूरी..
गौरतलब है कि इससे पहले तमिलनाडु सरकार ने वेदांता के तूतीकोरिन स्थित स्टरलाइट प्लांट को आंशिक तौर पर खोलने की अनुमति दे दी। कोरोना के बढ़ते मामलों के मद्देनजर बुलाई गई सर्वदलीय बैठक के बाद स्टरलाइट प्लांट को चार महीने के लिए ऑक्सीजन उत्पादन की मंजूरी दी गई। राज्य सरकार ने मई, 2018 में स्टरलाइट के खिलाफ हुए हिंसक प्रदर्शन में 13 लोगों की मौत के बाद इस प्लांट को सील कर दिया था।