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नीट-पीजी की काउंसिलिंग पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई..

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नीट-पीजी की काउंसिलिंग पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई..

 

 देश- विदेश: सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को कहा कि नीट-पीजी प्रवेश के संबंध में अनिश्चितता को खत्म करना महत्वपूर्ण है, क्योंकि केंद्र ने उससे काउंसिलिंग की अनुमति देने का अनुरोध किया है.केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा है कि नीट-पीजी काउंसिलिंग शुरू होने दें. सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं से जवाब मांगा है

और कहा है कि नीट काउंसिलिंग पर अनिश्चितता खत्म होनी चाहिए. कोर्ट ने कहा केंद्र सरकार ने उससे काउंसिलिंग की इजाजत देने का अनुरोध किया है, जो मौजूदा समय में आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों (ईडब्ल्यूएस) के लिए 8 लाख रुपये की आय मानदंड के संबंध में उठाई गई आपत्तियों की पृष्ठभूमि के खिलाफ रोक दी गई है. केंद्र सरकार की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच से कहा कि सरकार ऐसी किसी भी स्थिति को मंजूर नहीं करेगी,

जिसमें अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) और ईडब्लूएस उस चीज से वंचित होते हों, जो उनका कानूनी अधिकार है. सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिकाओं में 27 प्रतिशत ओबीसी आरक्षण और 10 प्रतिशत ईडब्ल्यूएस आरक्षण प्रदान करने वाली चिकित्सा परामर्श समिति की 29 जुलाई की अधिसूचना को चुनौती दी गई है.

याचिकाकर्ताओं ने नीट के अखिल भारतीय कोटे में ईडब्लूएस और ओबीसी आरक्षण को चुनौती दी हुई है. नीट-पीजी काउंसिलिंग पर सुनवाई आज भी नीट-पीजी काउंसिलिंग 2021 के लिए ईडब्ल्यूएस कोटे पर सुनवाई गुरुवार को भी सुप्रीम कोर्ट में होगी

इस मामले की सुनवाई जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस एएस बोपन्ना की अगुवाई वाली विशेष बेंच करेगी. केंद्र ने अदालत से कहा है कि ईडब्ल्यूएस निर्धारित करने के लिए आय का 8 लाख रुपये का मानदंड ओबीसी क्रीमी लेयर के मुकाबले कहीं अधिक सख्त है.

केंद्र ने ईडब्ल्यूएस मानदंड पर फिर से विचार करने के लिए गठित तीन सदस्यीय पैनल की रिपोर्ट को स्वीकार कर लिया है. पैनल ने अपनी रिपोर्ट में कहा है, सबसे पहले, ईडब्ल्यूएस का मानदंड आवेदन के वर्ष से पहले के वित्तीय वर्ष से संबंधित है, जबकि ओबीसी श्रेणी में क्रीमी लेयर के लिए आय मानदंड लगातार तीन वर्षों के लिए सकल वार्षिक आय पर लागू होता है.

ईडब्ल्यूएस मुद्दे पर सरकार ने नवंबर में कहा था कि जब तक नीट में कोटे का मुद्दा नहीं सुलझता, नीट-पीजी काउंसिलिंग नहीं की जाएगी. नीट-पीजी 2021 काउंसिलिंग में देरी को लेकर दिल्ली समेत देश के कई हिस्सों में अलग-अलग अस्पतालों के रेंजिडेंट डॉक्टरों ने विरोध प्रदर्शन किया था.

भारत में चिकित्सा-स्नातक के पाठ्यक्रमों में दाखिला पाने के लिए नीट (राष्ट्रीय योग्यता सह प्रवेश परीक्षा) होती है, पास होने वाले छात्रों की उसके बाद काउंसिलिंग होती है और देश के अलग-अलग कॉलेजों में अंकों के हिसाब से सीट मिलती है.

 

 

 

 

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