उत्तराखंड

कोरोना संक्रमण के बदले लक्षण..

कोरोना

कोरोना संक्रमण के बदले लक्षण..

अब महज तीन दिन में हो रहे संक्रमित..

 

उत्तराखंड: प्रदेश में कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। साथ ही खुलासा हुआ है कि अब कोरोना का संक्रमणकाल यानि संक्रमित होने का समय घट गया है।

जिला सर्विलांस अधिकारी डा. राजीव दीक्षित और दून अस्पताल के नोडल अफसर डा. अनुराग अग्रवाल ने बताया कि ओमीक्रोन के आने के बाद इन्कुवेशन पीरियड यानी संक्रमण काल कम हो गया है। ये पहले सात-आठ दिन का था, अब तीन-चार दिन का हो गया है। यानि किसी संक्रमित के संपर्क में आने के तीन दिन बाद ही लक्षण उत्पन्न हो रहे हैं।

ओमीक्रोन में संक्रमण तेजी से फैलता है। हालांकि लक्षण हल्के हैं, जिससे अस्पताल में भर्ती होने की दर बहुत कम है। दून अस्पताल में पांच मरीज भर्ती हैं। उनका कहना है कि मरीज तेजी से बढ़ेंगे तो चिंताजनक होगा। इसीलिए लोगों को अतिरिक्त सर्तकता बरतने की जरूरत है।

एक ही घर में कई मरीज निकलने लगे : डीएसओ डॉ. दीक्षित ने बताया कि एक ही घर में कई-कई मरीज भी मिलने लगे हैं। ऋषिकेश में ही एक परिवार में छह मरीज मिले हैं। वहीं मसूरी में भी एक ही जगह छह और दून में एक ही जगह पर चार-चार मरीज मिले हैं। जिससे आशंका व्यक्त की जा रही है मरीजों की संख्या अभी आगे बढ़ सकती है।

कई नहीं दे रहे सूचना : कई लोग लक्षण दिखने पर भी विभाग को सूचना नहीं दे रहे। वह खुद ही इलाज शुरू कर दे रहे हैं। यह खतरनाक हो सकता है। विभाग को सूचना दें, ताकि उनकी निगरानी की जा सके और डाक्टरों की देखरेख में उनका इलाज हो सके। ट्रेस करने पर भी उनके नंबर बंद आ रहे हैं।

इन लक्षणों से पहचानें..

दून अस्पताल के एमएस डा. केसी पंत ने बताया कि ओमीक्रोन वेरिएंट के आने से लक्षण भी बदल गए हैं। ओमीक्रोन में सिर और मांसपेशियों में दर्द, बहुत ज्यादा थकान और नाक भरी रह रही है।

जबकि डेल्टा वेरिएंट के दौरान सांस लेने में दिक्कत, तेज बुखार, कमजोरी, खाने का स्वाद और सुगंध ना पता चलने जैसे कुछ लक्षण आम थे। कोरोना से बचाव के लिए ‘सामाजिक दूरी और मास्क है जरूरी’ का सिद्धांत जिंदगी में उतारना होगा।

कोरोना से बचाव को मास्क, सेनेटाइजर और दो गज की दूरी ही उपाय है। भीड़ में जाना खतरे से खाली नहीं है। जरा भी आशंका होने पर आरटीपीसीआर जांच करानी चाहिए। थ्री टी (ट्रेस, टेस्ट, ट्रीट) पर फोकस करना होगा।

भीड़ जुटाने, सभाएं और रैलियां करने से समाज में कोरोना का प्रसार होना तय है। भीड़ वाले इलाके में जनता को चाहिए कि वह न जाएं। आम जनता को भी जागरूक होना होगा। अनावश्यक बाहर निकलने से बचें।

 

 

 

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