उत्तराखंड

छात्रों को तंबाकू से होने वाले दुष्प्रभावों की दी जानकारी..

छात्रों को तंबाकू से होने वाले दुष्प्रभावों की दी जानकारी..

एनटीसीपी कार्यक्रम के तहत विद्यालय स्तर पर चलाया जा रहा जागरुकता कार्यक्रम..

 

 

 

 

रुद्रप्रयाग। स्वास्थ्य विभाग के तत्वावधान में राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत राजकीय बालिका इंटर काॅलेज अगस्त्यमुनि व राइंका अगस्त्यमुनि में विद्यालय जागरुकता कार्यक्रम का आयोजन कर तंबाकू के दुष्प्रभाव के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी गई। अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाॅ विमल गुसांई ने ने बताया कि एनटीसीपी कार्यक्रम के अंतर्गत छात्रों में तंबाकू के सेवन व लत से बचाने के लिए विद्यालय स्तर पर जागरुकता कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि कोविड प्रोटोकाॅल का अनुपालन करते हुए एनटीसीपी अनुभाग के माध्यम से 50 विद्यालयों में जागरुकता कार्यक्रम आयोजित करने का लक्ष्य रखा गया है, जिसके सापेक्ष 41 विद्यालयों में गतिविधियां आयोजित कर ली गई हैं।

 

कंसल्टेंट एनसीडी दीपक नौटियाल ने बताया कि राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत मंगलवार को कम्युनिटी हेल्थ आफिसर (सीएचओ) द्वारा छह स्कूलों में विद्यालय जागरुकता कार्यक्रम का आयोजन कर तंबाकू के दुष्प्रभाव की जानकारी दी गई। उन्होंने बताया कि सीएचओ प्रीति दुबे की ओर से जूनियर हाईस्कूल दुर्गाधार, सीएचओ सोनाली नेगी जीआईसी चोपता, सीएचओ शिवानी अधिकारी जूनियर हाईस्कूल हड़ेटीखाल, सीएचओ मनीषा जीआईसी कंडारा व सीएचओ शिखा रतूड़ी ने जीआईसी व जीजीआईसी अगस्त्यमुनि में विद्यालय जागरुकता कार्यक्रम का आयोजन किया।

 

इस दौरान सीएचओ द्वारा तंबाकू के बारे में बताया गया कि तंबाकू का सेवन न सिर्फ हमारे शरीर को नुकसान पहुंचाता है, बल्कि इसके उपयोग से मानसिक दिक्कतें भी पैदा होती हैं। उन्होंने बताया कि तांबकू के सेवन से कैंसर, ह्दय रोग, मधुमेह, आदि बीमारियां होती हैं। उन्होंने कोटपा अधिनियम 2003 की धाराओं के बारे में भी जानकारी प्रदान की। साथ ही बताया कि शिक्षण संस्थानों के सौ गज के दायरे में तंबाकू उत्पादों की विक्री पूरी तरह से प्रतिबंधित है व दंडनीय अपराध है।

 

 

 

 

 

 

 

 

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