एसटीएफ ने RMS के सीईओ को किया गिरफ्तार..
ओएमआर शीट में गड़बड़ी करने का आरोप..
2016 वीडीओ भर्ती में धांधली के दावों में अब आरएमएस कंपनी के अधिकारियों के नाम शामिल हो गए हैं। एसटीएफ ने जिन लोगों को हिरासत में लिया उनमें कंपनी के सीईओ राजेश पाल भी शामिल थे।
उत्तराखंड: 2016 वीडीओ भर्ती में धांधली के दावों में अब आरएमएस कंपनी के अधिकारियों के नाम शामिल हो गए हैं। एसटीएफ ने जिन लोगों को हिरासत में लिया उनमें कंपनी के सीईओ राजेश पाल भी शामिल थे। पाल पर आरोप है कि उसने दलालों को ओएमआरशीट उपलब्ध कराई और फिर गड़बड़ी कर अभ्यर्थियों को फायदा पहुंचाया। कोर्ट ने सीईओ को 14 दिन न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है।
धांधली की जांच कर रहे वीडीओ को पिछले महीने विजिलेंस से एसटीएफ में ट्रांसफर कर दिया गया था। बताया गया था कि भर्ती और स्नातक स्तरीय भर्ती परीक्षा के पेपर लीक में बहुत से आरोपी एक ही हैं। जांच से पता चला कि परीक्षा के प्रश्नपत्र आरएमएस टेक्नोलॉजी के अपने प्रिंटिंग प्रेस पर भी छपे थे। ओएमआर शीट की भी कल्पना की गई थी। इस मामले में एसटीएफ ने पहले दो संदिग्धों को हिरासत में लिया था। एसटीएफ के एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि आरोपियों से पूछताछ में आरएमएस के कर्मियों और अफसरों के नाम सामने आए थे।
जांच में पता चला कि ओएमआर शीट और पेपर को छपवाने की जिम्मेदारी सीईओ के पास थी। वह दलालों से मिला हुआ था। उसने दलालों को पेपर के हिसाब से ओएमआर शीट मुहैया कराई थीं। इन ओएमआर शीटों में अपने हिसाब से अभ्यर्थियों के नाम लिखकर गोले काले किए गए। इसके बाद इन शीटों को असली के स्थान पर रख दिया गया। सीईओ की जानकारी में यह सारी बातें हुईं। एसएसपी ने बताया कि लखनऊ के रायबरेली रोड के सैनिक कालोनी निवासी सीईओ राजेश पाल को गिरफ्तार कर लिया गया है।
स्नातक स्तरीय भर्ती पेपर लीक मामले में एसटीएफ अब भी सुबूतों को इकट्ठा करने में लगी हुई है। गैंगस्टर की कार्रवाई करने के बाद अब आरोपियों की संपत्तियों का ब्योरा भी जुटाया जा रहा है। गैंग के सरगना सैयद सादिक मूसा और उसके साथी योगेश्वर राव को तीन दिनों की पुलिस कस्टडी रिमांड में लिया गया था। इनसे बाराबंकी, लखनऊ और अन्य स्थानों पर ले जाकर पूछताछ की गई है। आरोपियों की करोड़ों की संपत्तियों के बारे में पता चला है। ब्योरा भी प्रशासन को सौंपा जाएगा।