विधानसभा में हुई नियुक्तियों की भी होगी जांच, सीएम धामी..
विधानसभा में रेवड़ियों की तरह बांटी गयी नियुक्तियां..
प्रदेश में इन दिनों भर्तियों में हुई धांधली के मुद्दें चर्चा का विषय बना हुआ है। जहां एक और यूकेएसएसएससी से जुड़ी कई भर्तियों की जांच की जा रही है तो वहीं विधानसभा भर्ती मामले भी विवादों में आ गयी है।
उत्तराखंड: प्रदेश में इन दिनों भर्तियों में हुई धांधली के मुद्दें चर्चा का विषय बना हुआ है। जहां एक और यूकेएसएसएससी से जुड़ी कई भर्तियों की जांच की जा रही है तो वहीं विधानसभा भर्ती मामले भी विवादों में आ गयी है। विधानसभा भर्ती एक सियासी मुद्दा बन गया है। सियासत गरमाने के बाद अब मामले में सीएम धामी का बड़ा बयान सामने आया है।
बता दे कि उत्तराखंड विधानसभा में अपनों को रेवड़ियों की तरह नियुक्तियां बांटी गई। जिसके बाद अब विधानसभा भर्ती अनियमितता मामले में धामी सरकार ने जांच करने की बात कही है।
आपको बता दे कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विधानसभा भर्ती अनियमितता मामले में बड़ा बयान दिया है। जिसमें सीएम ने कहा कि विधानसभा एक संवैधानिक संस्था है इस लिहाजा वे विधानसभा अध्यक्ष से इस मामले में बात करेंगे। सरकार इसको लेकर होने वाली जांच में पूरा सहयोग करेगी। हालांकि न केवल भाजपा सरकार के दौरान हुई भर्तियों बल्कि पुरानी भर्तियों की भी सरकार जांच करवाने के मूड में है।
विधानसभा भर्ती अनियमितता मामले में मुख्यमंत्री आवास से लेकर मंत्रियों और संघ से जुड़े लोगों के करीबियों को विधानसभा में नियुक्ति देने के आरोप है। आरोप है कि विधानसभा में 72 लोगों की नियुक्ति में मुख्यमंत्री के स्टॉफ विनोद धामी, ओएसडी सत्यपाल रावत से लेकर पीआरओ नंदन बिष्ट तक की पत्नियां विधानसभा में नौकरी पर लगवाई गई हैं। यही नहीं मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल के पीआरओ की पत्नी और रिश्तेदार को भी नौकरी दी गई है। जिसकी जांच की मांग की जा रही है।