उत्तराखंड

कहां है गामा की सेना, जनता की मदद को एकजुट हों पार्षद..

सेनेटाइज्ड करना निगम का काम, पार्षद करें अपने वार्ड वासियों की मदद..

कोरोना के टेस्टिंग, ट्रेसिंग और इलाज के साथ वैक्सीनेशन में भी करें मदद..

देहरादून: राजधानी में कोरोना संक्रमण कहर ढा रहा है। कुछ पार्षद अपने इलाके में सेनेटाइजेशन का काम करवा रहे हैं। ये तो निगम कर्मी भी कर लेंगें। सेनेटाइजेशन भी कहने मात्र को हो रहा है। अधिकांश लोगों का कहना है कि गली में एक दो घरों को सेनेटाइज्ड करने के बाद निगमकर्मी रफू-चक्कर हो जाते हैं। कोरोना महामारी के कठिन समय में कुछ पार्षदों को छोड़ दिया जाएं तो बाकी सभी 100 पार्षद गुमनाम से हैं। निगम और ग्राम पंचायतों की जमीनों पर तिरछी नजर रखने वाले और कमीशनखोरी के आरोपी पार्षदों के लिए यह मौका है कि वो भी अपने पाप इस महामारी में धो लें। मेयर गामा को इस संबंध में पहल करनी चाहिए और निगम क्षेत्र में सेनेटाइजेशन के अलावा अन्य जिम्मेदारी भी सौंपनी चाहिए।

 

पार्षद यदि अपने-अपने वार्ड में ही कोरोना पीड़ितों की मदद करें या उनके लिए प्लाज्मा, आक्सीजन, बेड और इलाज की व्यवस्था करवा दे तो यह एक अच्छा प्रयास होगा। नगर निगम को एक हेल्पलाइन नंबर जारी करना चाहिए। चाहे तो पार्षद भी अपने-अपने वार्ड में हेल्पलाइन नंबर ओर एक टीम बना सकते हैं। वाट्सएप ग्रुप भी बनाया जा सकता है। इसमें वार्ड के लोगों को जोड़ा जा सकता है। देहरादून में अधिकांश बुजुर्ग लोग अकेले रहते हैं। इनको घबराहट और एकाकीपन से बचाने के लिए भी पार्षदों की भूमिका हो सकती है।

 

मोहल्ला क्लीनिक की तर्ज पर यदि डाक्टरी सलाह भी मिल सकें तो पार्षदों की वाहवाही होगी। पार्षद यह भी सुनिश्चित कर सकते हैं कि होम आइसोलेशन में रह रहे कोरोना पीड़ितों को किट मिले या बुजुर्गों में लक्षण मिलने पर उनके घर पर ही आरटीपीसीआर के लिए सैंपल कलेक्शन हो सके।

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