उत्तराखंड

सावन के महीने में भी केदारनाथ धाम में पसरा सन्नाटा…..

जहा एक और सभी मंदिर मठ सावन के महीने पूजा अर्चना और श्रद्धालुओ के लिए खुले है..

उत्तराखंड के चारधाम भगतो के लिए बंद है..

उत्तराखड़: आज सावन का दूसरा सोमवार है, लेकिन इस खास मौके पर भी केदारनाथ धाम सूना पड़ा हैं। भगवान शिव के भक्त यहां जलाभिषेक करने नहीं आ पा रहे हैं। आपको बता दे कि कोरोना महामारी के चलते उत्तराखंड हाईकोर्ट ने यात्रा पर रोक लगाई हैं। ऐसे में यात्रियों के ना पहुंचने से केदारनाथ धाम में सन्नाटा पसरा हुआ हैं। वही केदारनाथ धाम में धर्मशालाएं भी वीरान पड़ी हैं। जिन धर्मशालाओं में कभी श्रद्धालु भरे पड़े रहते थे, वो आज खाली पड़े हुए हैं। ऐसे में तीर्थ पुरोहितों को श्रद्धालुओं के आने का इंतजार है। हालांकि मंदिर के पुजारी और तीर्थ पुरोहित बाबा केदार की पूजा-अर्चना कर रहे हैं।

 

सावन के महीने में बाबा केदार के दरबार में भक्तों की अच्छी खासी भीड़ रहती थी। देश-विदेश के अनेक हिस्सों से भक्त बाबा केदार का जलाभिषेक करने के लिए पहुंचते थे, लेकिन इस बार कोरोना महामारी के चलते हाईकोर्ट ने चारधाम यात्रा पर रोक लगाई हुई है। जिसकी वजह से भक्त केदारनाथ धाम नहीं पहुंच पा रहे हैं। सावन के महीने और सोमवार के दिन भक्तों से भरा रहने वाले केदारनाथ धाम में सन्नाटा पसरा हुआ है। चार धाम यात्रा स्थगित होने के चलते भक्तों में भी निराशा बनी हुई है।

 

चारधाम यात्रा शुरू होने का इंतजार..

केदारनाथ के तीर्थ पुरोहित अंकित सेमवाल का कहना हैं कि सावन के सोमवार के अवसर पर बाबा केदार का जलाभिषेक कर तीर्थ पुरोहितों की ओर से बाबा को ब्रह्मकमल के फूल अर्पित किये गये। सावन महीने में ब्रह्मकमल के फूल चढ़ाने का विशेष महत्व है।

वहीं, केदारसभा के अध्यक्ष विनोद शुक्ला का कहना हैं कि सावन के महीने में केदारपुरी श्रद्धालुओं से भरी पड़ी रहती थी। देश के विभिन्न राज्यों से हजारों की संख्या में श्रद्धालु बाबा को जलाभिषेक करने के लिए पहुंचते थे, लेकिन आज स्थिति यह है कि बाबा का धाम खाली पड़ा है। धर्मशालाएं वीरान हो चुकी हैं। तीर्थ पुरोहितों को श्रद्धालुओं के आने का इंतजार है। उन्होंने कहा कि सरकार यात्रा खोलने को लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठा पा रही है।

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