उत्तराखंड

श्रद्धालुओं में लोकप्रिय बनी साणेश्र महाराज की यज्ञ पुस्तिका..

सेवानिवृत्त प्रधानाध्यापक भट्ट ने लिखि यज्ञ की गाथा… 

रुद्रप्रयाग। केदारघाटी के प्रसिद्ध साणेश्वर महाराज के धार्मिक महातम्य, पौराणिक परम्परा, धरोहर और यज्ञ पद्धति को लिपिबद्ध कर भावी पीढ़ी को एक सौगात देने के लिए प्रकाशित साणेश्वर महाराज यज्ञ श्रृंखला पुस्तिका श्रद्धालुओं में लोकप्रिय होती जा रही है। इस पुस्तिका के रचियता हैं, सेवा निवृत्त प्रधानाध्यापक पंडित श्रीधर प्रसाद भट्ट।

फलई क्यार्क गांव में पंडित शंकर दत्त भट्ट व श्रीमती पंचमी देवी के घर में जन्में श्रीधर प्रसाद भट्ट ने जूनियर हाईस्कूल से सेवानिवृत्त होने के बाद अपने पहले लेखन के लिए क्षेत्र के प्रसिद्ध साणेश्वर महाराज के महातम्य को चुना और इसी के तहत साणेश्वर महाराज यज्ञ श्रृंखला नाम से लघु पत्रिका का प्रकाशन किया। अपने इस लघु ग्रन्थ में पंडित श्रीधर भट्ट ने गणेश स्तुति से अपनी कलम की शुरूआत करते हुए शिव स्त्रोत, यज्ञ पुरूष और केदारखण्ड के कई श्लोकों को समावेश किया है। शिलेश्वर नामकरण, भोगाजीत रणजीत, कर्माजीत के अलावा महर्षि अगस्त्य के तपोबल का व्याख्यान भी इस पुस्तिका का महत्वपूर्ण भाग है। शिव पुराण विद्येश्वर संहिता का वर्णन करते हुए पंडित श्रीधर प्रसाद भट्ट ने पंच यज्ञ विधान पर पूरी जानकारी पाठकों को दी है। उन्होंने यज्ञ प्रारम्भ, प्रथम जल यात्रा, द्वितीय कुण्ड यज्ञ जैसी अतीत की परम्पराओं को लेखनी के जरिये पुस्तिका में उकेरा है।

दिवारा यात्रा का वर्णन करते हुए लेखक ने यज्ञ के निमित भागीदार भक्तों को सूचीबद्ध करते हुए आने वाली पीढ़ी को प्रेरणा दी है। उन्होंने प्रतिदिन की पूजा कार्यक्रम, महिला मंगल दल, शासन प्रशासन एवं जनप्रतिनिधियों के सहयोग को भी महायज्ञ में भागीदारी का अहम हिस्सा बताया।

चैंरा डडोली के प्रेम सिंह रावत और बावई गांव के मान सिंह के सेवा भाव को उन्होंने अपनी पुस्तिका में महत्वपूर्ण स्थान दिया है। यज्ञ श्रृंखला में पंडित जनों में सिल्ला के पुरोहित परिवार, नौटियाल परिवार, सेमवाल परिवार, मंदिर समिति के अध्यक्ष वीरपाल सिंह रावत, आचार्य स्वतंत्रतानंद पंत, बैंजी से विष्णुदत्त बेंजवाल, वींरो से अयोध्या प्रसाद डिमरी आदि अनेक विद्वतजनों की भूमिका का बखान इस पुस्तिका में किया गया है।

रुद्रप्रयाग विधायक भरत सिंह चौधरी, केदारनाथ क्षेत्र के विधायक मनोज रावत के अलावा प्राथमिक शिक्षक संघ के पूर्व अध्यक्ष प्रेम सिंह गुसाई, पूर्व जिलाध्यक्ष मगनानंद भट्ट, मौजूदा प्रदेश उप महामंत्री वीरेन्द्र कठैत, क्षेत्र के जिला पंचायत सदस्य कुलदीप कंडारी, क्षेत्र पंचायत सदस्य सावन नेगी, समिति के कोषाध्यक्ष हरीश गुसाई, प्रधान विजयपाल सिंह राणा ने अपनी लेखनी के जरिये पुस्तिका की सराहना की है।

प्रसिद्ध कथावाचक आवार्य अनुसूया प्रसाद नौटियाल, मंदिर समिति के सचिव अनुसूया प्रसाद पुरोहित, कोषाध्यक्ष दर्शन सिंह रावत के अलावा यज्ञ समिति के अध्यक्ष रणजीत सिंह नेगी, सचिव नरेन्द्र सिंह रौथाण, कोषाध्यक्ष हरीश गुसाई सहित तमाम गणमान्य नागरिकों के सहयोग का आभार व्यक्त करते हुए लेखक ने अपनी इस सफलता के लिए साणेश्वर महाराज का वंदन कर धार्मिक पुस्तक को जो रूप दिया, उसकी भूरि-भूरि प्रशंसा की जा रही है।

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