चारधाम देवस्थानम प्रबंधन अधिनियम को लेकर बोले सांसद अजय भट्ट…
भाजपा के वरिष्ठ नेता सुब्रमण्यम स्वामी के कानूनी लड़ाई लड़ने के बाद…
भाजपा संगठन में इसे लेकर मंथन का दौर शुरू…
उत्तराखंड : उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम प्रबंधन अधिनियम को लेकर भाजपा के वरिष्ठ नेता सुब्रमण्यम स्वामी के कानूनी लड़ाई लड़ने के बाद अब भाजपा संगठन में इसे लेकर मंथन का दौर शुरू हो गया है। शनिवार को देहरादून में भाजपा सांसद और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट ने कहा कि एक तरफ पार्टी के वरिष्ठ नेता और दूसरी तरफ हमारी सरकार है। दोनों में टकराव की स्थिति को देखते हुए फिलहाल इस अधिनियम को स्थगित किया जाना चाहिए। इसमें निर्णय सरकार को ही लेना है। उन्होंने यह भी कहा कि अधिनियम का मामला हाईकोर्ट में विचाराधीन है। अदालत का जो भी फैसला आएगा, वह सभी को शिरोधार्य होगा।
चारधाम देवस्थानम प्रबंधन अधिनियम का चारधाम के तीर्थ पुरोहित विरोध करते आ रहे हैं। भाजपा के वरिष्ठ नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने तीर्थ पुरोहितों के पक्ष में हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की है। अदालत में यह मामला विचाराधीन है। इस बीच अब देवस्थानम प्रबंधन अधिनियम को लेकर पार्टी में भी मंथन का दौर शुरू हो गया है। देहरादून पहुंचे सांसद और भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट ने शनिवार को पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत में कहा कि भाजपा के वरिष्ठ नेता स्वामी वरिष्ठ अधिवक्ता भी हैं। इस पर वह कुछ नहीं बोल सकते।
अजय भट्ट ने कहा कि इस मामले में एक तरफ भाजपा के वरिष्ठ नेता हैं और दूसरी तरफ राज्य की भाजपा सरकार। दोनों में टकराव की स्थिति है। इसे टालने के लिए इस कानून को स्थगित किया जाना चाहिए, जब तक कि इसके बारे में जनता को ठीक से समझाया नहीं जाता। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने भलाई के लिए यह कानून बनाया था। संभवत: समझ पाने या समझाने के मामले में कहीं संवादहीनता की स्थिति आई है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैसे भी कोरानाकाल चल रहा है और लोग भी नहीं आ रहे।
अगर लोगों में कानून को लेकर कुछ गलतफहमी है तो इसे दूर करने तक इसे स्थगित करना ही उचित होगा। अलबत्ता, इस बारे में फैसला सरकार को ही करना है। उधर, इस मामले में पूछे जाने पर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत ने कहा कि सरकार ने सोच विचार करके ही देवस्थानम प्रबंधन अधिनियम का निर्णय लिया। यदि इसमें बदलाव अथवा पुनर्विचार की कोई गुजांइश है तो पार्टी फोरम में विचार विमर्श कर सरकार को अवगत कराया जाएगा।