उत्तराखंड

रुद्रप्रयाग जनपद पर्यटन के रूप में होगा विकसित

पर्यटन स्थलों पर सैलानियों को मिलेगा पहाड़ी खाना
पपड़ासू को कयाकिंग के रूप में किया जायेगा विकसित
वेबसाइट में रहेंगी पर्यटक स्थल और ट्रैकिंग रूटों की सभी जानकारियां
पर्यटन को बढ़ावा देने के लिये पर्यटन विभाग करेगा प्रोजेक्ट तैयार

रोहित डिमरी
रुद्रप्रयाग। जिले में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिये नई कार्य योजनाएं तैयार की जाएंगी। पर्यटन के क्षेत्र में कार्य कर रहे युवाओं और स्थानीय लोगों की सहायता लेकर पर्यटन विभाग प्रोजेक्ट तैयार करेगा। पर्यटन को लेकर एक वेबसाइट बनाई जायेगी, जिसमें जिले के सभी ट्रेकिंग रूटों, पर्यटन स्थलों, बुग्यालों आदि की जानकारियां रहेंगी, जिससे अधिक से अधिक संख्या में पर्यटक यहां आ सके।

जनपद रुद्रप्रयाग की आर्थिकी पर्यटन एवं तीर्थाटन से जुड़ी है। जिले में अनेक तीर्थ स्थलों के साथ ही पर्यटन स्थल भी हैं, लेकिन देख-रेख और प्रचार-प्रसार के अभाव में आज भी अधिकांश पर्यटन स्थल अपनी पहचान नहीं बना पाये हैं। प्रत्येक वर्ष यहां हजारों पर्यटक पहुंचते हैं, लेकिन पर्यटन विभाग को पर्यटकों के बारे में कोई जानकारी ही नहीं है। जिले के अधिकांश पर्यटन स्थल ऐसे हैं, जहां यातायात, संचार, स्वास्थ्य, विद्युत की सुविधाएं नहीं हैं, ऐसे में यहां पहुंचने वाले पर्यटकों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। पर्यटकों स्थलों पर सुविधाओं के न होने का स्थानीय लोगों की आजीविका पर भी पड़ता है। दूरस्थ क्षेत्र के ग्रामीण कई वर्श पहले होम स्टे योजना के तहत आवेदन कर चुके हैं, लेकिन कई वर्ष गुजरने के बाद भी ग्रामीणों को इसका लाभ नहीं मिल पाया है।

जिला कार्यालय सभागार में पर्यटन व्यवस्था में सुधार लाने के लिये जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल की अध्यक्षता मे बैठक आयोजित की गई। बैठक में रुद्रप्रयाग के विधायक भरत सिंह चौधरी ने कहा कि जिले में संचार सुविधा को सुदृढ़ किये जाने की नितांत आवश्यकता है। कहा कि आज भी जिले के कई ग्रामीण क्षेत्र जहां पर्यटन की अपार सम्भावनाएं है, लेकिन अभी तक इन क्षेत्रों में संचार की सुविधा नहीं है। ऐसे में यह क्षेत्र विकास से पिछडते जा रहे हैं। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि महिलाओं को गढवाली व्यंजनों के प्रचार-प्रसार के लिए अलग से कार्ययोजना तैयार की जाय, ताकि पर्यटकों को गढवाली व्यंजनों आनंद ले सकें। उन्होंने पर्यटन गाइडों को प्रशिक्षित करने पर जोर दिया और कहा कि इसके लिए गाइडों को विशेष प्रशिक्षण दिया जाय, ताकि वह अच्छे तरीके से सैलानियों को गाइड कर सके।

केदारनाथ के विधायक मनोज रावत ने कहा कि चन्द्रापुरी में राष्ट्रीय ओपन कयाकिंग प्रतिस्पर्धा को आयेाजित किया जा सकता है। कहा कि साहसिक पर्यटन के क्षेत्र में जनपद में बन्ची जम्पिंग केन्द्र बनाने के लिए जिला पर्यटन अधिकारी को ऋषिकेश से फेसिलेटर बुलाकर सर्वे कराया जाय।
बैठक में जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने कहा कि जिले में पर्यटन की अपार संभवनाएं हैं, लेकिन सुविधाओं और प्रचार-प्रसार के अभाव से आज भी देश-विदेश के सैलानियों की पहुंच से दूर हैं। कहा कि अब इंटरनेट के जरिए सैलानियों को वेबसाइट पर सभी पर्यटन स्थलों और ट्रैकिंग रूटों की जानकारी उपलब्ध कराई जाएगी। इससे आसानी से सैलानी वहां पहुचं सकेंगे और चिन्हित ट्रैकिंग रूट गूगल अर्थ में भी प्रदर्शित होगा। यदि कभी कोई सैलानी रास्ता भटक जाता है तो वह जीपीएस की सहायता से वापस सही ट्रैक पर लौट सकेगा।

उन्होंने पर्यटन विभाग को निर्देश दिए कि जनपद के पर्यटक स्थलों की काॅफीटेबल बुक तैयार करें। काॅफीटेबल बुक का प्रदेश, देश व विदेशों के दूतावास में भेजा जायेगा। साथ ही एक ट्रैक को अगले वर्ष के लिए ट्रैक आॅफ द इयर घोषित किया जाए। जिलाधिकारी ने हेली सर्विस से टाई-अप करने को कहा। कहा कि हेली सेवा से केदारनाथ जाने वाले यात्री को हेलीपैड पर वेटिंग करना पडता है, इसके लिए कंपनियों को वेटिंग समय में ट्रेकिंग रूट में घुमाया जाय, ट्रैकिंग रूट में बर्ड वाचिंग, ग्रामीण परिवेश व अन्य गतिविधियां शामिल की जाएंगी। जनपद में ग्रामीण परिवेश केन्द्र को विकसित किया जाय,

जिसमें उत्तराखण्ड के पहाड़ी क्षेत्र की झलक पर्यटकों को देखने के लिए मिलेगी। ग्रामीण परिवेश केन्द्र में पहाडी नृत्य, खाद्य सामग्री, हल लगाने व पहाड़ी परिवेश में फोटो सूटिंग के साथ ही अन्य आकर्षक गतिविधियों के जरिए पर्यटकों को लुभाने का प्रयास किया जाएगा। जिलाधिकारी ने कहा कि जिले के गणेशनगर-कार्तिक स्वामी क्षेत्र को बर्डवांचिंग स्पाॅट, ताला-मक्कू में जंगल सफारी, आपदा में बहें लोगों की याद में स्मृति वन, पपडासू को कयाकिंग के रूप मे विकसित किया जाएगा।

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