उत्तराखंड

कोरोना वायरस के बीच उत्तराखंड में मंडराया बर्ड फ्लू का खतरा..

कोरोना वायरस के बीच उत्तराखंड में मंडराया बर्ड फ्लू का खतरा..

उत्तराखंड: कोरोना संकट के बीच उत्तराखंड में बर्ड फ्लू का नया खतरा मंडराने लगा है। हिमाचल प्रदेश में बर्ड फ्लू का मामला सामने आने के बाद उत्तराखंड समेत हिमालयी राज्यों में विशेष रूप से अलर्ट जारी किया गया है। अपने कुमाऊं के यूएस नगर और नैनीताल के जलाशयों में लाखों की संख्या में प्रवासी पक्षी आते हैं। ऐसे में बर्ड फ्लू की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता।

 

कुमाऊं में कोरोना संकट के बाद अब बर्ड फ्लू को लेकर अलर्ट जारी किया गया है। हालांकि अभी कोई केस रिपोर्ट नहीं किया गया है। लेकिन, पड़ोसी हिमालयी राज्य हिमाचल समेत राजस्थान, मध्यप्रदेश, चंडीगढ़ में पक्षी व मुर्गियों की मौतें सामने आने के बाद यह अलर्ट जारी किया गया है। बर्ड फ्लू के पीछे प्रवासी पक्षियों का इन राज्यों में आना भी अलर्ट की बड़ी वजह मानी जा रही है। कुमाऊं में बौर, हरिपुरा, तुमड़यिा, नानकसागर, कोसी बैराज आदि जगह पर इस वक्त लाखों की संख्या में प्रवासी पक्षी आए हैं। इसके चलते चिंताएं और ज्यादा हैं। वन विभाग ने अलर्ट जारी करते हुए इन जलाशयों की गस्त को बढ़ा दिया है। साथ ही मेहमान पक्षियों के मूवमेंट पर नजर रखी जा रही है।

 

यदि मुर्गियों में वायरस फैला तो यह सबसे बड़ा खतरा होगा, क्योंकि मुर्गियों से इंसानों में वायरस फैलने की सबसे अधिक संभावना रहती है। इसके अलावा शीतकालीन प्रवास के लिए लाखों की संख्या में प्रवासी पक्षी कुमाऊं के जलाशयों में पहुंचे हुए हैं। इनके संपर्क में आने से भी बर्ड फ्लू फैलने की आशंका बनी हुई है।

बर्ड फ्लू के कोरोना जैसे लक्षण, मगर धीमा संक्रमण..

बर्ड फ्लू में जुकाम, सर्दी, बुखार, नाक बहने, आंखों से पानी आना, शरीर दर्द और निमोनिया की शिकायत होती है। यह इंसानों से अधिक यह जानवर और पक्षियों को नुकसान पहुंचाता है। इसकी प्रसार की रफ्तार कम होती है। कोरोना की तुलना में इसका वायरस इंसानों को अधिक प्रभावित नहीं करता है और कोई अंग खास प्रभावित नहीं होते हैं।  कोरोना संक्रमण सामान्यत: दो हफ्ते तक रहता है, जबकि इसका असर करीब पांच दिन बना रहता है।

 

अलग-अलग राज्यों में बर्ड फ्लू की सूचना मिली है। इसके बाद बाद कुमाऊं के विभिन्न जलाशयों में प्रवासी पक्षियों को लेकर अलर्ट जारी किया गया है। वन विभाग की टीमों को प्रवासी पक्षियों के मूवमेंट पर नजर रखने के आदेश दिए गए हैं। स्थानीय लोगों को भी इस संबंध में सचेत किया जा रहा है। –

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