उत्तराखंड

नियमित उपचार से पूरी तरह रोगमुक्त होंगे क्षय रोगी…

टीबी रोग माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरकुलोसिस रोगाणु के संक्रमण के कारण होता.. 

रुद्रप्रयाग। स्वास्थ्य विभाग के तत्वावधान में आयोजित जिला टीबी फोरम की बैठक में क्षय उन्मूलन अभियान को सफल बनाने का संकल्प लिया गया। इस अवसर पर उपचार प्रदाताओं के साथ टीबी रोगी रहे उन मरीजों को टीबी चैंपियन के सम्मान से नवाजा गया जो टीबी से डटकर मुकाबला कर पूरा उपचार लेते हुए अब स्वस्थ जीवन व्यतीत कर रहे हैं।

बैठक में जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने स्वास्थ्य विभाग को अधिक से अधिक क्षय रोगी खोजकर उन्हें समुचित उपचार देने के लिए निर्देशित किया। उन्होंने क्षय उन्मूलन अभियान 2024 को सफल बनाने के लिये प्रत्येक चिकित्सा इकाई से छाती रोग से पीड़ित रोगी को नजदीकी बलगम जांच केन्द्र में सदर्भित कर, संदर्भण दर वृद्धि सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए। वरिष्ठ जिला क्षय अधिकारी डाॅ जेएस नेगी ने क्षय रोग एवं जनपद अन्तर्गत क्षय रोग की स्थिति के बारे में जानकारी दी गयी।

उन्होंने टीबी फोरम के सदस्यों से क्षय रोग के प्रति समाज में फैली भ्राॅन्तियों को दूर करने के लिए जागरूकता में सहयोग की अपील की। उन्होंने कहा कि टीबी रोग माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरकुलोसिस रोगाणु के संक्रमण के कारण होता है और यदि रोगी नियमित रूप से 6 माह का उपचार पूर्ण करे, तो वह पूरी तरह से सामान्य व्यक्ति की तरह ही ठीक हो जाता है। यदि पूरी तरह ठीक होने से पहले उपचार बीच में ही छोड़ दिया जाय, तो बैक्टीरिया की दवाओं के खिलाफ प्रतिरोधक क्षमता विकसित हो जाती है और एमडीआरटीबी हो जाती है एवं उपचार 18 माह से 24 माह तक चलाया जाता है, क्योंकि इस दशा में आम दवाईयां असर नहीं करती हैं।

साथ ही अवगत कराया गया कि प्रत्येक पंजीकृत रोगी को उपचार के दौरान प्रति माह 500 रूपये पोषण भत्ता दिया जाता है तथा क्षय रोगी के प्रथम सूचना दाता को 500 रूपये प्रोत्साहन राशि दी जाती है। जिलाधिकारी श्री घिल्डियाल के हाथों टीबी रोग उपचार प्रदाता एवं टीबी रोगियों को प्रशस्ति पत्र एवं शाॅल भेंट कर टीबी चैम्पियन के रूप में सम्मानित किया गया।

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