उत्तराखंड में 1.21 लाख से अधिक लोग खा रहे थे गरीबों का राशन..
अब तक 30 हजार से अधिक राशनकार्ड हो चुके सरेंडर..
प्रदेश में अपात्र राशनकार्ड धारकों के खिलाफ चलाए गए अभियान के तहत अब तक 30 हजार से अधिक राशनकार्डों की एक लाख 21 हजार से अधिक यूनिट सरेंडर की जा चुकी हैं। इनमें से छह हजार से अधिक ऐसे परिवारों के राशनकार्ड हैं, जिनकी वार्षिक आय पांच लाख से अधिक है। खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग ने इन दिनों अपात्र राशनकार्ड धारकों के खिलाफ अभियान चलाया हुआ है।
उत्तराखंड: प्रदेश में अपात्र राशनकार्ड धारकों के खिलाफ चलाए गए अभियान के तहत अब तक 30 हजार से अधिक राशनकार्डों की एक लाख 21 हजार से अधिक यूनिट सरेंडर की जा चुकी हैं। इनमें से छह हजार से अधिक ऐसे परिवारों के राशनकार्ड हैं, जिनकी वार्षिक आय पांच लाख से अधिक है। खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग ने इन दिनों अपात्र राशनकार्ड धारकों के खिलाफ अभियान चलाया हुआ है। अभियान के तहत बड़ी संख्या में लोग अपने राशनकार्ड सरेंडर कर रहे हैं। विभाग की एक रिपोर्ट के अनुसार अब तक 30458 राशनकार्ड सरेंडर हो चुके हैं। जिसमें 6147 राशनकार्ड एसएफआई, 2927 अंत्योदय और 21384 प्राथमिक परिवारों के हैं। बता दे कि इसमें सबसे अधिक 6309 देहरादून जिले के हैं। सबसे कम 327 रुद्रप्रयाग जिले के हैं। इसके साथ ही 6193 राशनकार्ड ऊधमसिंहनगर जिले में सरेंडर हुए हैं। पौड़ी गढ़वाल में 3868, चमोली में 936, उत्तरकाशी में 351, टिहरी गढ़वाल में 1609, हरिद्वार में 4940, नैनीताल में 2767, चंपावत में 634, बागेश्वर में 542, अल्मोड़ा में 371 और पिथौरागढ़ जिले में 1611 राशनकार्ड सरेंडर हुए हैं।