बारिश होते ही पैदल मार्ग जगह-जगह कीचड़ में हो रहा तब्दील
रैलिंग और रेन सल्टर न लगने से यात्रियों की बढ़ परेशानी
रुद्रप्रयाग। केदारनाथ यात्रा को सुव्यवस्थित तरीके से संचालित करने के प्रशासन के कोरे दावों की पोल खुल गई है। प्रशासन ने पैदल मार्ग पर यात्रियों को तमाम सुविधाएं देने का दावा किया था, लेकिन पैदल मार्ग पर अव्यवस्थाओं का अंबार लगा हुआ है। रामबाड़ा से केदारनाथ तक पैदल मार्ग कीचड़ में तब्दील हो रखा है। कुछ दिनों पूर्व पैदल मार्ग पर बिछाया गया सीमेंट एक ही दिन की आवाजाही से उखड़ गया है। जबकि जन स्थानों पर सीमेंट और पत्थर नहीं बिछाये गये हैं, वहां पर तीर्थ यात्रियों को जान जोखिम में डालकर आवाजही करनी पड़ रही है। इतना ही नहीं रामबाड़ा से ऊपर पैदल मार्ग के कई स्थानों पर रैलिंग भी नहीं लग पाई हैं, जिससे दुर्घटना का खतरा बना हुआ है। यात्रा के शुरूआती दौर में ही प्रशासन के दावों की पोल खुल गई है। प्रशासन ने बेहतर यात्रा संचालित करने के तमाम दावे किये थे, लेकिन दावे कही भी धरातल पर नहीं उतर पाये। रामबाड़ा से ऊपर केदारनाथ पैदल मार्ग का चैड़ीकरण प्रशासन के साथ ही तीर्थ यात्रियों के लिये मुसीबत बन गया है। समय पर पैदल मार्ग का कार्य पूर्ण न होने के कारण पैदल मार्ग पर आवाजाही करने में दिक्कतें हो रही हैं। बारिश होते ही रामबाड़ा से केदारनाथ पैदल मार्ग कीचड़ में तब्दील हो रहा है। जबकि कीचड़ से भरे पैदल मार्ग पर तीर्थ यात्री जान जोखिम में डालकर आवाजाही कर रहे हैं। स्थिति यह है कि कीचड़ में अधिकांश तीर्थ यात्री फिसलकर चोटिल हो रहे हैं। कीचड़ में घोड़े-खच्चरों के फिसलने का भी डर है। डीडीएम ने कुछ दिनों पूर्व पैदल मार्ग के जिस स्थान पर सीमेंट बिछाया था, वह घोड़े-खच्चरों की आवाजाही से उखड़ चुका है। इतना ही पैदल मार्ग के कई स्थानों पर अभी तक रैलिंग नहीं लग पाई हैं। जिस कारण कभी भी यात्रियों के साथ बड़ी दुर्घटना हो सकती है। इतना ही नहीं रामबाड़ा से आगे पैदल मार्ग के कई स्थानों पर रेन सल्टर भी नहीं बन पाये हैं। रेन सल्टर न बनने से यात्रियों को बारिश में भीगना पड़ रहा है। एक ओर पैदल मार्ग पर तीर्थ यात्रियों की आवाजाही हो रही है तो दूसरी ओर पैदल मार्ग पर निर्माण कार्य भी चल रहा है। इससे में कार्य करने वाले मजदूरों के साथ ही तीर्थ यात्रियों को भी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इस संबंध में जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने कहा कि जिस तरह से यात्रा संचालन के लिये प्रशासन ने तैयारी की थी, उनमें कुछ कमियां रह गई थी। उन कमियों को पूरा किया जा रहा है। प्रशासन का मकसद है कि तीर्थ यात्रियों को किसी भी प्रकार की दिक्कतें न हों। पैदल मार्ग पर जो भी परेशानियां यात्रियों को हो रही हैं, उन्हें दूर किया जा रहा है।