उत्तराखंड

बारिश ने रोक दी प्रदेश में 150 सड़कों पर आवाजाही..

बारिश ने रोक दी प्रदेश में 150 सड़कों पर आवाजाही..

उत्तराखंड: प्रदेश में मंगलवार को हुई बारिश ने फिर से कई सड़कों पर आवाजाही ठप कर दी। पर्वतीय क्षेत्रों में भूस्खलन के कारण करीब 150 सड़कें बंद हो गईं, लेकिन राहत की खबर यह है कि चारधाम यात्रा मार्ग सहित सभी राष्ट्रीय राजमार्ग यातायात के लिए खुले हैं। उधर, कुमाऊं में पिथौरागढ़ में कुलागाड़ क्षेत्र में हुई भारी बारिश ने तबाही मचाई है। यहां नाले के उफनाने से 48 मीटर पक्का पुल बह गया। जिससे यातायात पूरी तरह से ठप हो गया। सचिवालय में स्थित राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र से मिली जानकारी के अनुसार मंगलवार को प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में हुई बारिश के कारण कई नदी-नाले उफान पर आ गए। राज्य में करीब 150 सड़कें भूस्खलन और दूसरे कारणों से अवरुद्ध हो गई हैं। इन सड़कों को त्वरित गति से खोलने का काम किया जा रहा है। चमोली में ऋषिकेश-बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग बड़े-छोटे वाहनों के लिए खुला है, जबकि जनपद में 23 ग्रामीण सड़कें अवरुद्ध हुई हैं।

 

देहरादून में एक जिला मार्ग, तीन राज्य मार्ग और 47 ग्रामीण सड़कें बंद हैं। रुद्रप्रयाग में ऋषिकेश-केदारनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग यातायात के लिए खुला है। जबकि तीन ग्रामीण सड़कें बंद हैं। पौड़ी में तीन राज्य मार्ग, एक मुख्य मार्ग, एक जिला मार्ग और 13 ग्रामीण सड़कें बंद हैं।उत्तरकाशी में ऋषिकेश-गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग यातायात के लिए खुला है, जबकि ऋषिकेश-यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग जानकीचट्टी तक यातायात के लिए खुला है। जनपद में 11 सड़कें बंद हैं। टिहरी में 16 ग्रामीण सड़कें बंद हैं। बागेश्वर में दो ग्रामीण मोटर मार्ग, नैनीताल में दो ग्रामीण मोटर मार्ग, चंपावत में 11 ग्रामीण सड़कें और पिथौरागढ़ में तीन बार्डर रोड और दस ग्रामीण सड़कें अवरुद्ध हैं, जिन्हें खोलने की कार्रवाई की जा रही है। इसके अलावा यहां तीन पेयजल लाइनें बाधित हुई हैं।

मंगलवार शाम चार बजे तक हरिद्वार में गंगा का जलस्तर 291.70 मीटर (294 मीटर खतरे का निशान) दर्ज किया गया। जबकि टिहरी बांध का जलस्तर 767.05 मीटर है। बांध के जलाशय की अधिकतम क्षमता 830 मीटर है। राज्य आपदा प्रबंधन विभाग की ओर से अगले पांच दिनों में भारी बारिश की चेतावनी के बाद नदी तटों पर रहने वाले लोगों को अलर्ट किया गया है। सभी जिलाधिकारियों को इस संबंध में आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए हैं। खतरे की स्थिति में बस्तियों को खाली कराने को कहा गया है। इसके अलावा विशेषकर बाहर से आने वाले लोगों को सड़क पर चलते हुए चट्टानों, बोल्डर के खिसकने के खतरों से सतर्क रहने को कहा गया है।

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