उत्तराखंड

तकनीकी संस्थानों को बंद करने से जन अधिकार मंच आक्रोशित..

अभ्यर्थियों के लिए 23 को भर्ती साक्षात्कार..

मंच देगा कलक्ट्रेट पर धरना, जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को भेजा ज्ञापन..

मंच की बैठक में सात प्रस्ताव हुए पारित, रोजगार, पानी, सड़क, कृषि और जंगली जानवरों के मुद्दे उठाए.. 

रुद्रप्रयाग। जनपद में तकनीकी और व्यावसायिक संस्थानों को बंद करने के खिलाफ जन अधिकार मंच 13 जुलाई को कलक्ट्रेट में धरना-प्रदर्शन करेगा। रुद्रप्रयाग स्थित बद्री-केदार मंदिर समिति में हुई मंच की अहम बैठक में यह निर्णय लिया गया। इस मौके पर जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को भी ज्ञापन भेजा गया।

जन अधिकार मंच के वरिष्ठ सदस्य मगनानंद भट्ट की अध्यक्षता में हुई बैठक में सात प्रस्ताव पारित किए गए। बैठक में जन अधिकार मंच के अध्यक्ष मोहित डिमरी और महामंत्री अशोक चैधरी ने कहा कि जनपद रुद्रप्रयाग में आईटीआई चिरबिटिया, अगस्त्यमुनि और बसुकेदार बंद कर दिए गए हैं। इसके साथ ही राजकीय पालीटैक्निक संस्थान जखोली और चोपता पर भी बंदी की तलवार लटक गई है। ऐसे रोजगारपरक संस्थानों को बंद होने से बचाया जाय। इसके साथ ही पर्वतीय कृषि महाविद्यालय चिरबिटिया के आधे-अधूरे भवन का निर्माण कार्य पूरा किया जाय और इसका विधिवत संचालन टिहरी के बजाय रुद्रप्रयाग जनपद से किया जाय।

इसके साथ ही रुद्रप्रयाग महाविद्यालय के आधे-अधूरे भवन का निर्माण कार्य जल्द पूरा किया जाय। मंच के सदस्य मगनानंद भट्ट और विनोद कप्रवान ने कहा कि कोविड 19 के कारण शहरों से आए हुए प्रवासियों को उनके कौशल और रूचि के अनुसार कारगर स्वरोजगार कीव्यवस्था की जाय।

पहाड़ के ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि काश्तकार सुअर और बंदरों के नुकसान से त्रस्त हैं, जिससे काश्तकार अपनी खेती-किसानी नहीं कर पा रहा है। ऐसे में उसका मनोबल गिर रहा है। बंदर और सुअरों से निजात पाने के लिए प्रत्येक गांव की खेती को तारबाड़ से सुरक्षित किया जाय। साथ ही क्षतिग्रस्त नहर-गूलों की मरम्मत करवाई जाए जहां आवश्यकता है वहां नई नहर बनाई जाय। ताकि समुचित सिंचाई की व्यवस्था हो सके।

सह कोषाध्यक्ष कृष्णानंद डिमरी, भगत चौहान और वीरेंद्र नेगी ने कहा कि पट्टी भरदार तथा पट्टी सिलगढ़ में लंबे समय से भरदार पेयजल योजना और तैला-सिलगढ़ पेयजल योजना में फेज-टू स्तर का कार्य लंबित पड़ा हुआ है। जनहित में अविलंब धनराशि अवमुक्त करते हुए योजना शुरू की जाय। साथ ही रुद्रप्रयाग नगर और सुमाड़ी भरदार में पेयजल की समुचित व्यवस्था नहीं है।

कोषाध्यक्ष बुद्धिबल्लभ ममगाई, विधि सलाहकार केपी ढोंडियाल एवं प्यार सिंह नेगी ने कहा कि रुद्रप्रयाग जनपद के अंदर खांकरा से सुमेरपुर तक जमीनके अंदर रेल लाइन की सुरंग निर्माण में भारी-भरकम विस्फोटक सामग्री का उपयोग हो रहा है। विस्फोट के बजाय हाईटेक तकनीकी से सुरंग का निर्माण किया जाय।ज्ञातव्य है कि जनपद रुद्रप्रयाग और चमोली भूकंप की दृष्टि से जोन-पांच में आते हैं।

इसके साथ ही रेलवे में स्थानीय बेरोजगारों को रोजगार उपलब्ध कराया जाय। स्थानीय निवासी बादल रावत ने चारधाम परियोजना से प्रभावित लोगों के भवनों का पुनर्मूल्यांकन का प्रस्ताव रखा।

Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

To Top