उत्तराखंड

चारधाम यात्रा- धामों में दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की संख्या सीमित करने का विरोध..

चारधाम यात्रा- धामों में दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की संख्या सीमित करने का विरोध..

 

 

 

 

 

 

चारधाम यात्रा के दौरान बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री में सीमित संख्या में श्रद्धालुओं को जाने की अनुमति दिए जाने पर तीर्थ पुरोहितों, होटल व्यवसायियों औरटूर ऑपरेटरों ने विरोध किया है।

 

 

 

 

 

उत्तराखंड: चारधाम यात्रा के दौरान बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री में सीमित संख्या में श्रद्धालुओं को जाने की अनुमति दिए जाने पर तीर्थ पुरोहितों, होटल व्यवसायियों औरटूर ऑपरेटरों ने विरोध किया है। सीएम धामी के आदेश पर अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने शुक्रवार को सचिवालय में होटल उद्योग, तीर्थ पुरोहित समाज और चारधाम यात्रा में शामिल टूर ऑपरेटर्स के प्रतिनिधियों के साथ बैठक आयोजित की गई।

अपर मुख्य सचिव का कहना हैं कि पिछले साल चारधाम यात्रा में जितनी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे थे। उससे कहीं ज्यादा इस बार आने की संभावना है। इसके लिए सरकार सभी स्तरों की तैयारी की जांच कर रही है। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने से पहले बिजली और पानी की व्यवस्था को सुचारू कर दिया जाए।

अपर मुख्य सचिव ने ऑनलाइन पंजीकरण प्रक्रिया को और भी सुलभ बनाया जाए। उन्होंने चारधाम यात्रा से जुड़े सभी प्रतिनिधियों से अपील करते हुए कहा कि यात्रा को लेकर पूरे देश में सकारात्मक संदेश जाए उस दिशा में हम सबको को सामूहिक प्रयास करना होगा। उनका कहना हैं कि देश दुनिया में हमारे प्रदेश की छवि पर्यटन प्रदेश कि रूप में है, ऐसे में हम सबको को इस बात को ध्यान रखना होगा कि जो भी यात्री प्रदेश में आए, वे एक अच्छा अनुभव लेकर वापस जाए।बैठक में सचिव पर्यटन सचिन कुर्वे ने कहा कि इस वर्ष चारधाम यात्रा के लिए 2.20 लाख से अधिक श्रद्धालु पंजीकरण करा हो चुके हैं।

इस बार पंजीकरण के लिए 65 दिनों का समय दिया गया है, इसके साथ ही यात्रियों की सुविधा के लिए कॉल और व्हाट्सएप के माध्यम से पंजीकरण करने की सुविधा है। बैठक में गंगा सभा के अध्यक्ष संजीव सेमवाल, उत्तरकाशी होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष शैलेंद्र मटूड़ा, उत्तराखंड टूर ऑपरेटर एसोसिएशन के अभिषेक आहलूवालिया, चारधाम महापंचायत से डॉ. बृजेश सती, गंगोत्री तीर्थ पुरोहित समाज से रजनीकांत सेमवाल ने चारधामों में दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की सीमित संख्या करने का विरोध किया। उन्होंने सुझाव दिया कि आनलाइन पंजीकरण के साथ ही ऑफलाइन पंजीकरण व्यवस्था की जाए। इसके अलावा प्रदेश के लोगों के लिए पंजीकरण अनिवार्य न किया जाए। अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने आश्वासन दिया कि बैठक में दिए गए सुझावों से सीएम को अवगत कराया जाएगा।

 

 

 

 

 

 

Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

To Top