देश/ विदेश

स्वतंत्रता के 75 साल पर कैदी  लेंगे आजादी की सांस ..

स्वतंत्रता के 75 साल पर कैदी  लेंगे आजादी की सांस ..

स्वतंत्रता के 75 साल पर कैदी  लेंगे आजादी की सांस ..

 

देश – विदेश : आजादी के 75 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में केंद्र ने राज्यों से कुछ खास श्रेणी के कैदियों की सजा माफ करने के लिए कहा है। गृह मंत्रालय ने कहा कि 50 साल से अधिक उम्र की महिला और ट्रांसजेंडर दोषियों को तीन चरणों में रिहा किया जा सकता है। हालांकि, इसमें उनके अच्छे आचरण को ध्यान रखा जाएगा। साथ ही इसका लाभ उन कैदियों को मिलेगा, जिन्हें पिछले तीन साल में दंडित नहीं किया गया है और जिन्होंने अपनी आधी सजा पूरी कर ली है। ऐसे कैदियों की रिहाई स्वतंत्रता दिवस, गणतंत्र दिवस 2023 और अगले साल स्वतंत्रता दिवस पर होगी। पुरुष कैदियों के लिए भी यही नियम लागू होते हैं, सिवाय इसके कि उनकी उम्र 60 वर्ष और उससे अधिक तय की गई है।

MHA के पत्र के मुताबिक, “विशेष योजना के तहत जिन अन्य लोगों को क्षमा किया जा सकता है, उनमें 70% या उससे अधिक विकलांगता वाले दिव्यांग अपराधियों के अलावा मानसिक रूप से बीमार कैदी शामिल हैं, जिन्होंने अपनी कुल सजा का 66% पूरा कर लिया है। योजना के लाभार्थियों में गरीब कैदी भी शामिल हैं, जिन्होंने अपनी सजा पूरी कर ली है, लेकिन अभी भी जुर्माना का भुगतान न करने के कारण जेल में हैं। सजा उनकी भी माफ होगी, जिन्होंने 18 से 21 वर्ष की आयु में अपराध किया है। जिनकी कोई अन्य आपराधिक संलिप्तता नहीं है और जिन्होंने अपनी सजा का 50% पूरा कर लिया है।”

मृत्युदंड के दोषियों को नहीं मिलने वाला इसका लाभ..

दोषियों की उम्र मैट्रिकुलेशन सर्टिफिकेट या जन्म प्रमाण पत्र के अनुसार तय की जाएगी। एडवाइजरी में कहा गया है कि दोनों न होने पर निचली अदालत के फैसले में दी गई उम्र को माना जा सकता है। मृत्युदंड के दोषियों या जिनकी मौत की सजा को आजीवन कारावास में बदल दिया गया था, वो लोग इसके पात्र नहीं होंगे। साथ ही आजीवन कारावास की सजा वाले दोषी और आतंकवादी गतिविधियों में शामिल अपराधियों भी यह छूट नहीं मिलेगी।

दहेज हत्या, मानव तस्करी और बाल शोषण के दोषी पात्र नहीं..

दहेज हत्या, नकली भारतीय मुद्रा नोट, मानव तस्करी और बाल शोषण के लिए दोषी ठहराए गए व्यक्ति भी पात्र नहीं होंगे। आर्थिक अपराधों के लिए और नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस एक्ट, 1985 के तहत दोषी ठहराए गए व्यक्ति भी इसके बाहर हैं। MHA ने सभी कैदियों के रिकॉर्ड की समीक्षा करने और योग्य लोगों की पहचान करने के लिए राज्य स्तरीय स्क्रीनिंग कमेटी बनाने को कहा है। सिफारिशें प्राप्त होने के बाद राज्य सरकार की ओर से उनकी जांच की जाएगी। एमएचए के अधिकारी ने कहा कि राज्य सरकार सिफारिशों को विचार और अनुमोदन के लिए राज्यपाल के समक्ष रखेगी।

 

 

Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

To Top