उत्तराखंड

अन्नकूट मेले को लेकर केदारनाथ मंदिर में तीर्थ पुरोहितों की तैयारियां शुरू..

अन्नकूट मेले को लेकर केदारनाथ मंदिर में तैयारियां शुरू..

अन्नकूट मेले की परंपरा सदियों से चली आ रही है..

केदारनाथ धाम में तीर्थ पुरोहितों द्वारा किया जाता है स्वयंभू लिग पर नए अनाज का भोग एवं श्रृंगार..

 

 

उत्तराखंड: विश्व प्रसिद्ध धाम केदारनाथ में आज  रक्षाबंधन से एक दिन पूर्व मध्य रात्रि से शुरू होने वाले अन्नकूट मेले को लेकर केदारनाथ धाम  तीर्थ पुरोहितों द्वारा तैयारियां शुरू कर दी गई है। केदारनाथ में स्थित स्वयंभू लिग पर नए अनाज का भोग एवं श्रृंगार का भक्तजन दर्शन कर भोले बाबा का आशीर्वाद लेते हैं। हर साल आयोजित होने वाले इस धार्मिक मेले को लेकर लोगों में उत्साह है। वहीं केदार घाटी में विश्वनाथ मंदिर गुप्तकाशी , ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ सहित कई अन्य शिव मंदिरों में पर भी इसी परंपरा को निभाया जाता है।

 

प्रतिवर्ष रक्षाबंधन से एक दिन पहले केदारनाथ मंदिर में अन्नकूट मेला (भतूज) धूमधाम से मनाए जाने की परंपरा सदियों से चली आ रही है। इस बार यह तिथि 21 अगस्त को पड़ रही है। मेले में सर्वप्रथम केदारनाथ मंदिर के तीर्थ पुरोहितों द्वारा भगवान शिव के स्वयंभू लिग की विशेष पूजा-अर्चना की प्रक्रिया संपन्न करने के साथ ही नए अनाज झंगोरा, चावल, कौंणी आदि के लेप लगाकर स्वयंभू लिग का श्रृंगार करते हैं।

 

 

इस दौरान भोले बाबा का श्रृंगार का दृश्य अलौकिक होता है, जिसके बाद प्रतिवर्ष भक्त सुबह चार बजे श्रृंगार किए गए भोले बाबा के स्वयंभू लिग के दर्शन करते हैं, लेकिन इस बार कोरोना महामारी के चलते यात्रा पर रोक भी लगी है जिस से शिव भक्त भगवान के इस अलौकिक शक्ति के दर्शन नहीं कर पाएंगे। इसके बाद भगवान को लगाए गए अनाज के इस लेप को यहां से हटाकर किसी साफ स्थान पर विसर्जित किया जाता है। मंदिर समिति के कर्मचारी मंदिर की सफाई करने के उपरात ही अगले दिन भगवान की नित्य पूजा-अर्चना की जाती है। इस मेले को लेकर तीर्थ पुरोहितों ने तैयारियां शुरू कर दी हैं।

 

कहा जाता हैं कि नए अनाज में पाए जाने वाले विष को भोले बाबा स्वयं ग्रहण करते हैं। आपको बता दे कि इस त्योहार को मनाने की परंपरा वर्षो से चली आ रही है। वहीं, विश्वनाथ मंदिर गुप्तकाशी, घुणेश्वर महादेव एवं कालेश्वर मंदिर ऊखीमठ में भी अन्नकूट मेले की तैयारियां जोरों पर चल रही है। साथ ही मंदिर को सजाने का कार्य भी चल रहा है।

 

 

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