उत्तराखंड

आपदा का कारण बने चैराबाड़ी ताल पहुंची पुलिस की टीम

दिवंगत आत्माओं की शांति के लिए की प्रार्थना, भजन कीर्तन गाकर किया याद
13 हजार 500 फीट की ऊंचाई पर है चैराबाड़ी ताल
रुद्रप्रयाग। केदारनाथ जल प्रलय का कारण बने चैराबाड़ी ताल में पुलिस के जवानों ने आपदा में मारे गये लोगों को याद किया और उनकी आत्मा की शांति के लिए भगवान से प्रार्थना की। आपदा के बाद से केदारनाथ में ड्यूटी दे रहे एसआई विपिन चन्द्र पाठक के नेतृत्व में पुलिस की 28 सदस्यीय टीम चैराबाड़ी ताल पहुंची।

वर्ष 2013 की केदानाथ आपदा में सरकारी आंकड़े के तहत साढ़े चार हजार लोगों की मौत हुई, जबकि इस घटना में न जाने कितने लोगों के शवों का कोई पता नहीं चल पाया। उस समय यात्रा अपने चरम पर थी और अचानक से हुई भारी बरसात ने सबकुछ तबाह कर दिया। यात्रा के महत्वपूर्ण पड़ाव गौरीकुंड और रामबाड़ा का नामोनिशान ही मिट गया, जहां हर समय यात्रियों का जमावड़ा लगा रहता था।
केदारनाथ आपदा में मारे गये लोगों की याद में पांच वर्ष पूरे होने पर केदारनाथ पुलिस ने 13 हजार 500 फीट की ऊंचाई पर चैराबाड़ी ताल में जाकर श्रद्धांजलि दी। यहां पर मोमबत्ती व भजन कर उनको याद किया गया। आपदा के बाद से केदारनाथ में गर्मी और सर्दी के सीजन में तैनात रहने वाले एसआई विपिन चन्द्र पाठक के नेतृत्व में पुलिस की 28 सदस्यीय टीम ने नंदी भगवान से आर्शीवद लेने के बाद चैराबाड़ी ताल के लिए प्रस्थान किया। टीम में दो पोर्टर एवं दो आईटीबीपी के जवान भी शामिल किये गये। मौसम खराब होने के बावजूद और खड़ी चढ़ाई होने के बाद भी टीम ने हिम्मत नहीं हारी।

रास्ते में मंदाकिनी ग्लेशियर के ठीक नीचे नदी का बहाव काफी तेज था। पुलिस की टीम को रास्ता नहीं मिल रहा था। पुलिस टीम में महिला जवान भी थी। बमुश्किल किसी तरह रास्ते को पार किया गया। चैराबाड़ी ताल पहुंचने पर पुलिस की टीम ने व्यवस्था बनाई। जहां पर पुलिस की टीम ने टैंट लगाया, वहां पर भी 14 मीटर ऊंचाई तक पानी भरा हुआ था। पुलिस के जवानों ने उस समय के मंजर को याद किया।
मौसम लगातार खराब हो रहा था, फिर भी आस-पास से रेत इकट्ठा कर चबूतरा बनाया गया। एसआई विपिन चन्द्र पाठक ने पुलिस टीम को ब्रीफ किया। उन्हें बताया गया कि पुलिस की टीम यहां क्यों आई है। सभी पुलिस के जवानों ने दिवंगत आत्मा की शांति के लिए मोमबत्ती व दीप प्रज्जवलित कर दो मिनट का मौन रखा। मौन रखने के बाद पुलिस जवानों ने रघुपति राघव राजा राम भजन गाया, जिसके पश्चात आपदा की विभीषिका पर वार्ता की गयी। टीम में उप निरीक्षक पूरन तोमर, हैड कांस्टेबल जितेन्द्र जोशी, धनवीर कुमार, संजय चमोली, राजेश्वरी, दीपक, विनय कुमार, आदेश कुमार, हिमांशु, विकास कुमार, सुनील खत्री, अरविंद कुमार, अनिल कुमार, कुंवर पाल, दिनेश कुमार, केसर सिंह, संजू सिंह, दीपक पंवार, सुनील राणा, कमल चन्द, जीतपाल नेगी, यशवंत कुमार, राकेश पंवार सहित अन्य मौजूद थे।

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