उत्तराखंड

बत्र्वाल की कर्म भूमि पंवालिया का शीघ्र होगा जीर्णोद्धार: मंगेश

स्कूली छात्रों ने कवि चन्द्र कुंवर बत्र्वाल की कविताओं का किया गायन

रुद्रप्रयाग। हिमवंत कवि चन्द्र कुंवर बत्र्वाल जन्म शताब्दी समरोह उनके पैतृक गांव मालकोटी में धूमधाम से मनाया गया। कलश साहित्यिक संस्था व चन्द्र कुंवर बत्र्वाल न्यास की ओर से आयोजित इस कार्यक्रम में प्रकृति के चितेरे कवि की स्मृतियों को याद किया गया। इस अवसर पर कलश साहित्यिक संस्था ने कवि सम्मेलन का आयोजन भी किया।

चन्द्र कुंवर बत्र्वाल की 100वीं जयंती के अवसर पर उनके पैतृक गांव मालकोटी में भव्य कार्यक्रम किया गया। चन्द्र कुंवर बत्तर्वाल शोध संस्थान देहरादून के डाॅ योगम्बर बत्र्वाल की अध्यक्षता में हुए कार्यक्रम में जिलधिकारी मंगेश घिल्डियाल बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित रहे। कार्यक्रम का शुभारंभ जिलाधिकारी ने चन्द्र कुंवर बत्र्वाल की मूर्ति पर दीप प्रज्वलित कर किया। इस अवसर पर स्कूली छात्रों ने बत्र्वाल की कविताओं का गायन किया। स्थानीय लोगों ने इस आयोजन में बढ़-चढ़कर भाग लिया। उपस्थित जन समुदाय को संम्बोधित करते हुए जिलधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने कहा कि चन्द्र कुंवर बत्र्वाल को अभी भी वो ख्याति नहीं मिल पायी है, जिसके वे हकदार थे।

इसके लिए शासन-प्रशासन के साथ ही साहित्य जगत से जुड़े लोगों को ओर प्रयास करने हांेगें। उन्होंने कहा कि चंद्रकुंवर बत्र्वाल की कर्म भूमि पंवालिया का शीघ्र जीर्णोद्धार करने का कार्य किया जायेगा। कार्यक्रम में कलश साहित्यिक संस्था की ओर से कवि सम्मेलन का आयोजन किया, जिसमें कवियों ने अपने कविता पाठ से उपस्थित जनसमुदाय को मंत्रमुग्ध कर दिया। प्रख्यात कवि उपासना सेमवाल, जगदम्बा चमोला, मुरली दीवान, कविता भट्ट, शैलेन्द्र बत्र्वाल, अश्विनी गौड़, कलश सस्था के संस्थापक ओम प्रकाश सेमवाल ने श्रोताओं की खूब तालियां बटोरी। इस मौके पर चन्द्र कुंवर बत्र्वाल न्यास के पद्म सिंह गुंसाई, चन्द्र शेखर पुरोहित, डाॅ असवाल, गम्भीर बत्र्वाल, पूर्व शिक्षा निदेशक रमेश चमोला, बल्लभ डिमरी, शान्ति चमोला सहित सैकड़ों की संख्या मे स्थानीय लोग उपस्थित थे।

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