उत्तराखंड

देवस्थानम बोर्ड के विरोध में केदारनाथ में तीर्थपुरोहितों ने किया प्रदर्शन..

मंदिर परिसर से हेलीपैड तक निकाली रैली, देवस्थान् बोर्ड व सरकार के विरोध में जमकर नारेबाजी..

सरकार पर लगाया कोरे आश्वासन देने का आरोप, मांगपूर्ति तक जारी रहेगा आंदोलन..

ई-पास की अनिवार्यता को जल्द समाप्त करने की भी मांग..

 

 

 

रुद्रप्रयाग। केदारनाथ धाम में तीर्थपुरोहितों ने देवस्थानम बोर्ड को भंग करने की मांग को लेकर आंदोलन फिर से शुरू कर दिया है। इस मौके पर मंदिर परिसर में नारेबाजी के साथ तीर्थपुरोहितों ने धरना दिया। साथ ही मंदिर परिसर से हेलीपैड तक रैली निकालकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। तीर्थ पुरोहितों ने कहा कि बोर्ड भंग होने तक आंदोलन जारी रहेगा। इसके साथ ही उन्होंने ई-पास की अनिवार्यता को समाप्त करने की भी मांग सरकार से की।

केदार सभा के अध्यक्ष विनोद शुक्ला व महामंत्री कुबेरनाथ पोस्ती के नेतृत्व में तीर्थपुरोहितों ने देवस्थानम बोर्ड के विरोध में जमकर नारेबाजी की। इस दौरान मंदिर परिसर से हेलीपैड तक तीर्थ पुरोहितों ने रैली निकाली और सरकार के खिलाफ नारे लगाए। तीर्थ पुरोहित विनोद शुक्ला, किशन बगवाड़ी ने कहा कि प्रदेश सरकार देवस्थानम बोर्ड के नाम पर चारधाम से जुड़े तीर्थपुरोहित व हक-हकूकधारियों के साथ छलावा कर रही है। दो वर्ष से धामों में आंदोलन चल रहा है, लेकिन सरकार कोरे आश्वासन दे रही है। तीर्थपुरोहितों का कहना था कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के साथ इस माह के शुरू में वार्ता हुई थी, जिसमें उन्होंने देवस्थानम बोर्ड को लेकर कमेटी गठित की बात कही थी।

 

जिसके आधार पर उन्होंने रुद्रप्रयाग में होने वाले आंदोलन को स्थगित कर दिया था, लेकिन लगभग 22 दिन गुजर चुके हैं। इस दिशा में न तो तीर्थपुरोहितों से बातचीत की गई है और न बोर्ड को रद्द करने के लिए कोई कार्रवाई की जा रही है। कहा कि जब तक मांगपूर्ति नहीं होती, उनका केदारनाथ धाम में आंदोलन जारी रहेगा। इसके साथ ही तीर्थ पुरोहितों ने ई-पास की अनिवार्यता को खत्म करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धाम ने देवस्थानम् बोर्ड को 30 अक्टूबर तक बोर्ड को फ्रीज किया गया है। ऐसे में ई-पास की अनिवार्यता कहां से लागू की गई है, यह समझ से परे है। इस व्यवस्था से कोई भी व्यापारी खुश नहीं है।

 

कहा कि चारधामों में कोविड नियमों को पालन किया जा रहा है, बावजूद इसके यात्रियों की संख्या को सीमित रखा गया है। भाजपा की चुनावी रैलियों में हजारों की संख्या में लोग पहुंच रहे हैं, जहां कोविड नियमों का कोई पालन नहीं हो रहा है और चारधामों में तीर्थ यात्रियों के आने पर कोविड नियमों का पालन करवाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अगर नियमों को ही पूरा किया जाना है तो सरकार को अपनी चुनावी रैलियों में भी नियमों का पालन करवाना चाहिए। इस मौके पर आचार्य संतोष त्रिवेदी, राजकुमार तिवारी, उमेश पोस्ती, शशि अवस्थी, रमकांत शर्मा, विजेंद्र शर्मा, नितिन बगवाड़ी, विमल तिवारी सहित अन्य मौजूद थे।

 

 

 

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