उत्तराखंड

विधानसभा चुनाव को लेकर दिखाई देने लगा मंत्रियों-विधायकों पर परफॉर्मेंस का दबाव..

विधानसभा चुनाव को लेकर दिखाई देने लगा मंत्रियों-विधायकों पर परफॉर्मेंस का दबाव..

चुनाव से पहले आ रहा मंत्रियों को गुस्सा..

 

 

उत्तराखंड: प्रदेश में जैसे-जैसे विधानसभा चुनाव नजदीक आ रहे हैं, सत्तारूढ़ भाजपा के मंत्रियों और विधायकों पर परफॉर्मेंस का दबाव साफ नजर आ रहा है। कहीं अफसरशाही की मनमानी के खिलाफ खुलकर नाराजगी दिख रही है तो कहीं अपनी ही पार्टी के नेताओं से विधायक की तकरार सामने आ रही है।

 

सियासी जानकारों का कहना है कि आने वाले दिनों में मंत्रियों और विधायकों पर यह दबाव और ज्यादा दिखाई देगा। कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज, यशपाल आर्य, सुबोध उनियाल, हरक सिंह रावत और बंशीधर भगत से जुड़े कई बयान और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुए, जिनमें वे अपने विभागों और जन सरोकारों से जुड़े मुद्दों को लेकर अफसरों को फटकार रहे हैं।

 

कैबिनेट मंत्री महाराज का अफसरों को फटकारते वीडियो वायरल हुआ। देहरादून में एनएच मार्ग में खराब काम को लेकर वह अधिकारियों की जमकर क्लास लेते नजर आए तो यूएस नगर में एक अफसर को उन्होंने खुली बैठक में खूब फटकार लगाई। वही कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल ने पिछले दिनों राजकीय उद्यानों को पीपीपी मोड पर देने के प्रस्ताव में ढिलाई को लेकर अफसरों को अल्टीमेटम दिया कि 15 दिन में सुधार नहीं हुआ तो उनके खिलाफ कार्रवाई होगी।

 

 

 

बात अगर करे सौम्य माने जाने वाले यशपाल आर्य की तो वो भी पिछले दिनों गुस्से में दिखे। उन्होंने नैनीताल में एक विभाग के अधिकारी को लापरवाही के लिए जमकर फटकार लगाई। इसके साथ ही कैबिनेट मंत्री बंशीधर भगत भी ऊर्जा निगम के अधिकारियों के खिलाफ कार्यकर्ताओं के साथ धरने पर बैठ गए। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने भगत के धरने में शामिल होने के बहाने सरकार पर तंज भी किया।

 

कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत ने पिछले दिनों विधानसभा टिहरी जिले के मसलों को लेकर विधानसभा एक बैठक बुलाई। तैयारी के साथ न आने पर उन्होंने अधिकारियों की जमकर क्लास ली और कहा कि वे दाल-भात खाने नहीं आए हैं। मंत्री रेखा आर्य ने महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग की योजनाओं को लेकर अफसरशाही की हीलाहवाली को लेकर मुख्य सचिव डॉ. एसएस संधू को पत्र लिखकर खुलकर नाराजगी जाहिर की।

 

साथ ही धर्मपुर से भाजपा विधायक विनोद चमोली सिस्टम के खिलाफ खुलकर नाराजगी जाहिर करते दिखाई दिए। दो दिन पहले चमोली अपने विधानसभा क्षेत्र में कुछ सड़कों के चौड़ीकरण के मामले में हो रही देरी से नाराज थे। सड़क निर्माण की मांग को लेकर कुछ लोग जब उनके आवास पर धरना देने पहुंचे तो चमोली भी उनके साथ बैठ गए। उन्होंने चेतावनी दी थी कि सड़क का प्रस्ताव मंजूर नहीं हुआ तो वे क्षेत्र के लोगों के साथ सचिवालय में धरना देंगे।

 

रायपुर से भाजपा विधायक उमेश शर्मा काऊ तो अपनी ही पार्टी के नेताओं से तकरार को लेकर चर्चाओं में हैं। पिछले दिनों कैबिनेट मंत्री धनसिंह रावत की उपस्थिति में काऊ की क्षेत्र के भाजपा नेता के साथ जमकर बहस हुई।

 

 

 

 

 

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