उत्तराखंड

स्वरोजगार के आवेदनों को निरस्तर किये पर डीएम ने जताया रोष..

स्वरोजगार के आवेदनों को निरस्तर किये पर डीएम ने जताया रोष..

बैंकों की ओर से अधिकतर आवेदनों को किया गया है निरस्त..

डीएम मयूर दीक्षित ने ली जिला स्तरीय पुनरीक्षण समिति की बैठक..

डिजिटल इंडिया की समीक्षा करते हुए केदार यात्रा मार्ग को कैशलेस करने के दिए निर्देश..

रुद्रप्रयाग:  जिला कार्यालय सभागार में जिलाधिकारी मयूर दीक्षित की अध्यक्षता में जिला स्तरीय पुनरीक्षण समिति (डीएलआरसी) की बैठक आयोजित की गई, जिसमें स्वरोजगार योजना के लिए उपलब्ध कराए गए अधिकतर आवेदनों पत्रों को बैंकों की ओर से निरस्त किये जाने से रोष व्यक्त किया गया। डीएम ने कहा कि सरकार की जन कल्याणकारी योजनाओं का लाभ पात्र व्यक्तियों को मिलना चाहिए। ऐसे में बैंकों भी सहयोग करने की आवश्यकता है।

जिलाधिकारी ने केंद्र व राज्य सरकार की ओर से संचालित मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना, मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना, प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम, एनआरएलएम, एनयूएलएम, बीर चंद्र सिंह गढ़वाली आदि योजनाओं की समीक्षा करते हुए देखा कि मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के आवेदन पत्रों में 898 में 361 आवेदनों को स्वीकृत किया गया है,

जबकि 165 आवेदन पत्र निरस्त किए गए हैं और 183 बैंक द्वारा संबंधित विभाग को वापस किए गए हैं, जबकि 189 आवेदन पत्र लंबित हैं। इसी तरह प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के तहत 268 आवेदन पत्र बैंकों को प्रेषित किए गए हैं, जिसमें 131 स्वीकृत किए गए हैं तथा 126 निरस्त किए गए हैं। शेष 11 आवेदन पत्र लंबित हैं। इसी तरह एनआरएलएम के तहत 476 आवेदनों में 308 स्वीकृत किए गए हैं। 153 वापस किए गए हैं तथा 15 आवेदन पत्र लंबित हैं,

जिस पर जिलाधिकारी द्वारा संबंधित बैंकों को निर्देश दिए कि रोजगारपरक योजनाओं के जो भी आवेदन पत्र प्राप्त होते हैं। उन आवेदनों पर शीर्ष प्राथमिकता से कार्यवाही कर स्वीकृत करना सुनिश्चित करें तथा किसी आवेदन पत्र में अनावश्यक रूप से आपत्ति न लगाई जाए तथा उन्हें स्वरोजगार के लिए ऋण उपलब्ध किया जाए, जिससे सरकार की मंशा के अनुरूप बेरोजगार युवाओं को स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध हो सकें।

जिलाधिकारी ने कृषि विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि जिन किसानों द्वारा किसान क्रेडिट कार्ड नहीं बनाए गए हैं। ऐसे किसानों के आवेदन पत्र प्राप्त करते हुए उनके केसीसी कार्ड जारी किए जांए। इसके लिए उन्होंने एक माह में पांच हजार किसानों के केसीसी आवेदन पत्र प्राप्त करते हुए क्रेडिट कार्ड बनाने के लक्ष्य दिए गए तथा बैंकों को प्रतिदिन आवेदन पत्र प्रेषित करने के निर्देश दिए। इसमें बैंकों को भी इसमें तत्परता से कार्यवाही करने के निर्देश दिए।

बैठक में जिलाधिकारी ने डिजिटल इंडिया की समीक्षा करते हुए यात्रा मार्ग में कैशलेस करने के उद्देश्य से संबंधित एनजीओ को सोनप्रयाग, गौरीकुंड एवं अन्य क्षेत्रों में कैंप लगाकर लोगों को कैशलेस के संबंध में प्रेरित करते हुए जागरुक करने के निर्देश दिए। बैठक में जिलाधिकारी ने कहा कि जिन बैंकों का सीडी रेस्यू 28 प्रतिशत से कम है। वह इसमें सुधार लाने के लिए अधिक से अधिक लोगों को ऋण उपलब्ध कराने के लिए आवश्यक कार्यवाही करना सुनिश्चित करें।

बैठक में लीड बैंक अधिकारी धन सिंह डुंगरियाल ने विस्तृत जानकारी देते हुए अवगत कराया कि जिले का मार्च 2022 का त्रैमासिक अनुपात 28.28 प्रतिशत रहा, जो मार्च 2021 के त्रैमास के 24.52 प्रतिशत के सापेक्ष 3.76 ज्यादा है। जिले का सीडी अनुपात का लक्ष्य 40 प्रतिशत होना चाहिए। पंजाब नेशलन बैंक, स्टेट बैंक, इंडियन बैंक, एक्सिस बैंक, एचडीएफसी बैंक का सीडी अनुपात 22 प्रतिशत से भी कम रहा।

अधिकतर बैंकों का सीडी अनुपात 40 प्रतिशत से कम रहा। सभी बैंकों को सीडी अनुपात बढाने के लिए अधिक से अधिक ऋण का वितरण कराने को कहा। बैठक में मुख्य विकास अधिकारी नरेश कुमार, जिला परियोजना निदेशक रमेश चंद्र, महाप्रबंधक उद्योग एचसी हटवाल, मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डाॅ आशीष रावत, जिला उद्यान अधिकारी योगेंद्र चैधरी, जिला खादी एवं ग्रामोद्योग अधिकारी कमल रावत, सहित संबंधित बैंकों के शाखा प्रबंधक एवं प्रतिनिधि उपस्थित थे।

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