उत्तराखंड

अब डीएल बनवाने में अब नहीं चलेगा फर्जीवाड़ा..

अब डीएल बनवाने में अब नहीं चलेगा फर्जीवाड़ा..

 

 

 

 

उत्तराखंड: सड़क पर गाड़ी चलाने के लिए ड्राइविंग लाइसेंस या डीएल सबसे महत्वपूर्ण दस्तावेज है। अगर आप बिना लाइसेंस सड़कों पर गाड़ी चलाते हुए पकड़े जाते हैं, तो आपसे अच्छे-खासे पैसे फाइन के तौर पर लिए जा सकते हैं। लाइसेंस बनाने की प्रक्रिया आसान नहीं है, ऐसे में लोग दलालों का सहारा लेकर ड्राइविंग लाइसेंस बनवा लेते थे, अब ऐसा नहीं होगा। ड्राइविंग लाइसेंस उन्हीं को मिलेगा, जो ड्राइविंग में ट्रेंड होंगे।

 

मंगलवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने परिवहन एवं आबकारी विभाग की समीक्षा बैठक में सड़क दुर्घटनाओं को रोकने को लेकर जरूरी निर्देश दिए। उनका कहना हैं कि सड़क हादसे रोकने के लिए हर शहर में ड्राइविंग टेस्ट की व्यवस्था होनी चाहिए। इस बात का ध्यान रखा जाना चाहिए कि केवल दक्ष लोगों के ही ड्राइविंग लाइसेंस बनें। सड़क सुरक्षा से संबंधित कार्यों में सभी विभागों को समन्वय के साथ काम करना होगा।

 

इस दौरान सीएम ने अधिकारियों को सीएनजी पर टैक्स कम करने के लिए प्रस्ताव बनाने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि निगम की अनुपयोगी भूसंपत्ति के निस्तारण के लिए कदम उठाए जाएं। मुख्यमंत्री ने प्रदेश में सीएनजी बसों के संचालन पर जोर दिया है। उन्होंने विभाग को सीएनजी पर लगने वाले टैक्स की दर कम करने का प्रस्ताव बनाकर उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं।

 

समीक्षा बैठक में उन्होंने परिवहन निगम को घाटे से उबार कर लाभ की स्थिति में लाने को प्रभावी कार्ययोजना तैयार करने की बात कही। सीएम का कहना हैं कि लाइसेंस की प्रक्रिया को ऑनलाइन किया जाना चाहिए। बसों का संचालन बढ़ाया जाना चाहिए, ताकि निगम की आय में इजाफा हो। राज्य की सीमाओं पर विभिन्न प्रवेश स्थलों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएं। इससे वाहनों की एंट्री टैक्स जमा होने संबंधी जानकारी मिल सकेगी।

 

 

 

 

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