उत्तराखंड

राष्ट्रीय दलों की मुसीबते बढ़ा रहे बगावती कार्यकर्ता…

राष्ट्रीय दलों की मुसीबते बढ़ा रहे बगावती कार्यकर्ता
भाजपा-कांग्रेस में फूटे बगावत के स्वर
टिकट बंटवारे से आक्रोशित कार्यकर्ताओं ने बनाया निर्दलीय चुनाव लड़ने का मन

रुद्रप्रयाग। भाजपा-कंाग्रेस राष्ट्रीय पार्टियों में टिकट बंटवारे के बाद बगावत का दौर भी शुरू हो गया है। पार्टियों में टिकट कटने से खिन्न खाए कद्दावर नेता अब निर्दलीय के तौर पर चुनावी मैदान में कूदने का मन बना चुके हैं, जोकि राष्ट्रीय दलों के लिए शुभसंकेत नहीं हैं।

जिले में एक नगर पालिका के साथ ही तीन नगर पंचायतों के चुनाव होने हैं। बड़ी बात यह है कि महज ऊखीमठ नगर पंचायत ही अध्यक्ष पद के लिए सामान्य है। बाकी सभी निकाय महिलाओं के लिए आरक्षित हैं। आरक्षण तय होने से पूर्व अध्यक्ष की सीटों पर टकटकी लगाए दोनों दलों के कद्दावर नेताओं के अरमान पहले ही टूट चुके थे और अब पत्नियों के जरिये राजनैतिक बिसात बिछाने की जुगत में लगे नेताओं के अरमान टिकट वितरण ने तोड़ दिये हैं। ऐसे में अपनी राजनैतिक जमीन को सलामत रखने के लिए बगावतों का दौर भी शुरू हो गया है, जिसके चलते कई कद्दावर नेता दलों से बगावत कर चुनावी मैदान में खड़े होने जा रहे हैं।

ऐसे में दोनों दलों के घोषित उम्मीदवारों के सामने चुनौतियां तो होंगी ही, साथ ही राजनैतिक दलों को भी अपने टिकट वितरण को सही ठहराने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगाना होगा। रुद्रप्रयाग नगर पालिका की बात करें तो यहां भाजपा व कांग्रेस के सांगठनिक पैनल में तीन-तीन नामों को भेजा गया था। सूत्रों की माने तो स्थानीय भाजपा संगठन जिस उम्मीदवार की पैरोकारी कर रहा था, उन्हें टिकट नहीं दिया गया, जिसके चलते संगठन में नाराजगी चल रही है। तो दूसरी तरफ कांग्रेस के भी यही कुछ हाल थे। खेमों में बंटे होने के कारण यहां भी टिकट वितरण में र्कइं अटकलें चली और कार्यकर्ताओं के अनुसार संगठन के विरूद्ध टिकट वितरण किया गया।

अब टिकट से वंचित हुए नेता खुलेआम बगावत करते दिखाई दे रहे हैं और निर्दलीय के तौर पर चुनावी मैदान में कूदने के लिए तैयार खड़े हैं। कल तक संगठन की रीतियों व नीतियों की चर्चा करने वाले पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता अब नुक्कड़ बाजारों में खुलेआम संगठन पर आरोप लगा रहे हैं व अधिकृत प्रत्याशियों के विरूद्ध जमकर जहर उगल रहे हैं। नगर पालिका रुद्रप्रयाग में भाजपा से श्रीमती सरस्वी त्रिवेदी को अधिकृत किया गया है, जबकि कांग्रेस ने श्रीमती गीता झिंक्वाण पर दांव खेला है। इसके अलावा नगर पंचायत तिलवाड़ा के लिए भाजपा ने श्रीमती वीरा देवी को चुना है, जबकि कांग्रेस ने रेखा भंडारी पर भरोसा जताया है। अगस्त्यमुनि नगर पंचायत से भाजपा ने श्रीमती बीना बिष्ट व कांग्रेस से राधा देवी को टिकट मिला है। इसके अलावा ऊखीमठ नगर पंचायत सामान्य सीट पर भाजपा ने विजय सिंह रावत को अधिकृत किया है तो कांग्रेस ने प्रकाश सिंह को अपना प्रत्याशी बनाया है।

तीन नगर पंचायतों एवं एक नगर पालिका के लिए राष्ट्रीय दलों ने अपने प्रत्याशियों का चयन कर लिया है, लेकिन प्रत्याशियों के चयन के बाद से बगावत के स्वर भी फूटने लगे हैं। कांग्रेस और भाजपा से टिकट की उम्मीद लगाये वरिष्ठ कार्यकर्ताओं को नाराजगी का सामना करना पड़ा है। कार्यकर्ताओं को उम्मीद थी कि पार्टी मजबूत प्रत्याशियों को टिकट देकर मैदान में उतारेगी, मगर ऐसा नहीं किया गया। जिस कारण अपने उम्मीदवार को टिकट न मिलने से कार्यकर्ताओं में मायूसी छा गयी है। टिकट मिलने के बाद से ही बाजार में भी माहौल सन्न सा हो गया है। किसी को भी ऐसी उम्मीद नहीं थी कि भाजपा व कांग्रेस इस तरह से टिकट का खेल खेलेगी। भाजपा से सरस्वती त्रिवेदी को टिकट मिलने के बाद से संगीता कप्रवाण एवं सुशीला बिष्ट ने बगावती तेवर दिखाने शुरू कर दिये हैं।

इसके अलावा कांग्रेस से टिकट न मिलने से रेखा सेमवाल के कार्यकर्ताओं में भी आक्रोश बना हुआ है। ऐसे में श्रीमती सेमवाल ने निर्दलीय मैदान में उतरने का फैसला लिया है, जिसका नुकसान कांग्रेस को भुगतना पड़ सकता है। वहीं तिलवाड़ा नगर पंचायत से उम्मीद जताई जा रही थी कि भाजपा पूर्व जिला महामंत्री विक्रम सिंह कंडारी की पत्नी रेखा कंडारी को भाजपा से टिकट मिलेगा, मगर ऐसा नहीं हुआ और भाजपा ने श्रीमती वीरा देवी को टिकट देकर कार्यकर्ताओं को सोचने पर मजबूर कर दिया। राष्ट्रीय पार्टियों की ओर से बांटे गये टिकटों से स्थानीय संगठन भी सकते में है, जिस कारण कार्यकर्ता भी असमंजस की स्थिति में हैं आखिर अब वे क्या करें।

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