उत्तराखंड

बाईपास की मांग को लेकर व्यापारियों ने दिया धरना..

बाईपास की मांग को लेकर व्यापारियों ने दिया धरना ..

एक दिवसीय धरना देकर सरकार के खिलाफ की नारेबाजी ..

रुद्रप्रयाग शहर में आॅल वेदर कार्य न करने की मांग.. 

315 परिवारों के सामने रोजी-रोटी का संकट..

रुद्रप्रयाग। रुद्रप्रयाग शहर में आॅल वेदर कार्य शुरू होने से पहले ही व्यापारियों ने हंगामा काटना शुरू कर दिया है। प्रशासन और राष्ट्रीय राजमार्ग खण्ड विभाग की ओर से भवन स्वामी एवं व्यापारियों को तीस अक्टूबर तक सामान हटाने के निर्देश दिये गये थे, लेकिन अब प्रभावित लोगों ने अपनी बात को मनवाने के लिए दूसरा ही रास्ता अपना लिया है। प्रभावितों ने पुराने विकास भवन कार्यालय में एक दिवसीय धरना देकर सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।

दरअसल, रुद्रप्रयाग मुख्यालय में आॅल वेदर सड़क के कार्य से 315 परिवारों को नुकसान पहुंच रहा है। प्रभावित लोगों की ओर से मुआवजे की मांग की गयी, लेकिन उन्हें मुआवजा नहीं दिया जा रहा है। ऐसे में उन्होंने अपने भवनों को खाली नहीं किया। पिछले दिनों प्रशासन और राष्ट्रीय राजमार्ग खण्ड के अधिकारियों ने स्थानीय लोगों से लिखित में लिया कि तीस अक्टूबर तक अपने भवन व दुकानों को खाली कर दें, जिस पर सहममि भी बनी। मगर अब व्यापारियों ने अपने व्यवसाय को डूबता देख आंदोलन का रास्ता अपना लिया है। व्यापारियों की माने तो रुद्रप्रयाग शहर में आॅल वेदर का कार्य किये जाने से शहर का अस्तित्व खत्म हो जायेगा।
जहां एक ओर सरकार रोजगार की बात कर रही है, वहीं सैकड़ों लोग बेरोजगार हो जायेंगे। मुआवजे के नाम पर एक भी ढेला सरकार की ओर से नहीं दिया गया है, सिर्फ भवनों को खाली करने के लिए कहा जा रहा है। प्रभावित लोगों ने कहा कि शहर को उजाड़ने के बजाय लोनिवि कार्यालय के पास से बाईपास का निर्माण किया जाय और बाईपास को सीधे बद्रीनाथ हाईवे से जोड़ा जाय, जिससे शहर का अस्तित्व को बचाया जा सके और लोगों को रोजगार से भी वंचित नहीं होना पड़ेगा। पूर्व पालिका अध्यक्ष देवेन्द्र सिंह झिंक्वाण ने कहा कि वर्ष 2003-04 में जवाड़ी बाईपास स्वीकृत किया गया था, जिसके तहत दो चरणों में बाईपास का कार्य किया जाना था।

 

प्रथम चरण में जहां जवाड़ी से लोनिवि तक निर्माण कार्य होना था, वहीं द्वितीय चरण में लोनिवि कार्यालय के पास से नौ सौ मीटर सुरंग बनाई जानी थी, जिसे कोटेश्वर में निकलना था। लेकिन द्वितीय चरण का कार्य नहीं किया गया। बीआरओ की ओर से जवाड़ी बाईपास बना दिया गया और वर्ष 2015 में बीआरओ से राजमार्ग को राष्ट्रीय राजमार्ग खण्ड को सौंपा गया, जिससे द्वितीय चरण की फाइलों को दफन किया गया और अब आॅल वेदर में राजमार्ग का नया सर्वे किया गया है। नये सर्वे के तहत रुद्रप्रयाग शहर में आॅल वेदर के कार्य से काफी नुकसान होगा, जिससे पूरा शहर जहां बर्बाद हो जायेगा। वहीं सैकड़ों लोग बेरोजगार हो जायेंगे। उन्होंने कहा कि आॅल वेदर निर्माण से कीर्तिनगर, कर्णप्रयाग, अगस्त्यमुनि शहर को बचाया गया है। अब रुद्रप्रयाग शहर को भी आॅल वेदर के कार्य से दूर रखा जाय।

व्यापार संघ के अध्यक्ष अंकुर खन्ना ने कहा कि आॅल वेदर कार्य से व्यापारियों में खासा आक्रोश बना हुआ है। पिछले दिनों ही स्पेशल ट्रीटमेंट प्लान के कार्य के चलते 12 दुकान स्वामियों को मुख्य बाजार से हटाया गया। इस दौरान भी व्यापारियों के मन में डर पैदा हो गया था। अब आॅल वेदर के कार्य से पूरा शहर ही तबाह होने जा रहा है। ऐसे में व्यापारियों की दिन की नींद और रात का चैन खो गया है। ऐसे में व्यापारियों ने आंदोलन को तेज करने का मन बना दिया है। उन्होंने कहा कि इस संबंध में पुनः 29 अक्टूबर को जिलाधिकारी से मुलाकात की जायेगी और दुकानों के ध्वस्तीकरण के समय उग्र आंदोलन किया जायेग। इस मौके पर डाॅ अमित रतूड़ी, पान सिंह पंवार, हीरा लाल वर्मा, प्रदीप चैधरी, नूर आलम, शरीफ अहमद, सलमान, महावीर सिंह पंवार, बद्री जोशी, इरशाद, देश राज डुडेजा, जोत सिंह, बादल रावत, इमरान खान, इरशाद अहमद सहित कई मौजूद थे।

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