उत्तराखंड

हाथ पर काली पट्टी बांधकर नई पेंशन स्कीम का किया विरोध..

हाथ पर काली पट्टी बांधकर नई पेंशन स्कीम का किया विरोध..

राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा के कार्मिकों ने बांधी हाथ पर काली पट्टी..

आठ अक्टूबर से कश्मीर से कन्याकुमारी तक निकाली जायेगी पुरानी पेंशन न्याय यात्रा..

 

 

 

 

 

रुद्रप्रयाग। नई पेंशन स्कीम के विरोध में राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा के कार्मिकों ने हाथ पर काली पट्टी बांधकर अपना विरोध शुरू कर दिया है। राष्ट्रीय नेतृत्व के आह्वान पर 8 अक्टूबर से कश्मीर से कन्याकुमारी तक पुरानी पेंशन न्याय यात्रा निकाली जाएगी, जिसमें उत्तराखंड के अधिक से अधिक कार्मिकों को शामिल होने का आह्वान किया गया है।

संयुक्त मोर्चा के मंडलीय महासचिव नरेश कुमार भट्ट ने बताया कि एक अक्टूबर 2005 को उत्तराखंड सरकार ने पुरानी पेंशन योजना के स्थान पर नई पेंशन योजना को लागू किया था। तत्कालीन समय में इस योजना के बहुत फायदे गिनाए गए थे, लेकिन वर्तमान में सेवानिवृत हो रहे कार्मिकों को पेंशन राशि के रूप में एक हजार से पन्द्रह सौ रुपए तक ही पेंशन मिल रही है। जो उनके लिए ऊंट के मुंह में जीरा साबित हो रहा है। मोर्चा के जिलाध्यक्ष अंकित रौथाण ने कहा कि इस संबंध में कई बार सरकार को अवगत कराया जा चुका है, लेकिन उनकी जायज मांग को लगातार अनसूना किया जा रहा है।

जिससे कर्मचारियों ने अब आंदोलन बिगुल फूंक दिया है। बताया कि राजस्थान, झारखंड, छत्तीसगढ़ राज्य से सीख लेकर सरकार को कर्मचारियों के हित में पुरानी पेंशन बहाल करनी चाहिए अन्यथा कर्मचारी उग्र आंदोलन की तैयारी करने को मजबूर होंगे। राष्ट्रीय नेतृत्व के आह्वान पर 8 अक्टूबर से कश्मीर से कन्याकुमारी तक पुरानी पेंशन न्याय यात्रा निकाली जाएगी, जिसमें उन्होंने उत्तराखंड के अधिक से अधिक कार्मिकों को शामिल होने का आह्वान किया है।

इस अवसर पर मुख्य संरक्षक शंकर भट्ट, महासचिव अंकुश नौटियाल, प्रांतीय कोषाध्यक्ष रणवीर सिंधवाल, मंडलीय उपाध्यक्ष रश्मि गौड़, शशि चौधरी, नीलम बिष्ट, अतुल शाह, संदीप रावत, उमेश गार्गी, अंकित रावत, देवेश देवशाली, सूर्यप्रकाश, रणजीत शाह, दुर्गाप्रसाद भट्ट, सुखवीर बिष्ट समेत बड़ी संख्या में कर्मचारी उपस्थित थे।

 

 

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