उत्तराखंड

अगस्त्यमुनि नगर पंचायत ने तीसरे वर्ष भी सूची में नाम दर्ज कर रचा इतिहास..

अगस्त्यमुनि नगर पंचायत ने तीसरे वर्ष भी सूची में नाम दर्ज कर रचा इतिहास..

स्वच्छ सर्वेक्षण के तहत अटल निर्मल पुरस्कार में प्रथम स्थान किया हासिल..

नगर क्षेत्र की जनता ने जताई खुशी, पंचायत अध्यक्ष की कार्यपद्धति की जमकर सराहना..

 

 

रुद्रप्रयाग। नगर पंचायत अगस्त्यमुनि ने स्वच्छ सर्वेक्षण में लगातार तीसरे वर्ष भी सूची में नाम दर्ज कर एक इतिहास रचा है। नगर पंचायत अगस्त्यमुनि को स्वच्छ सर्वेक्षण 2019 में बेस्ट सिटी इन सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट इन नॉर्थ जोन का पुरस्कार भी राष्ट्रपति के हाथों प्राप्त हो चुका है। इस उपलब्धि पर जहां नगर पंचायत कर्मियों में उत्साह है, वहीं नगरवासियों ने भी प्रसन्नता व्यक्त करते हुए नगर पंचायत अध्यक्ष अरुणा बेंजवाल की कार्यपद्धति और उनकी टीम भावना की सराहना की है।

नगर पंचायत अगस्त्यमुनि को राष्ट्रपति द्वारा पुरस्कृत करने से यहां के कार्यों की पूरे देश में चर्चा और प्रशंसा हुई। सितंबर-2019 में अटल निर्मल नगर पुरस्कार के लिए चयनित होने पर मुख्यमंत्री ने 10 लाख का पुरस्कार और 50 लाख अवस्थापना मद में दिए। वर्ष 2020 में अटल निर्मल पुरस्कार के तहत नगर पंचायत अगस्त्यमुनि तृतीय श्रेणी में आने पर 5 लाख पुरस्कार और 20 लाख अवस्थापना मद में प्राप्त हुई। इसी तरह वर्ष 2021 में प्रथम पुरस्कार के रूप में 10 लाख का ड्राफ्ट और 50 लाख अवस्थापना मद में आवंटित होने से नगर पंचायत के कार्यों को पहचान मिली है।

व्यापार संघ अध्यक्ष अगस्त्यमुनि नवीन बिष्ट ने कहा कि नगर पंचायत द्वारा नगर में सफाई व्यवस्था जिस बेहतर ढंग से की जा रही है, वह प्रशंसनीय है। व्यापारियों द्वारा नगर को साफ-सुथरा रखने के लिए हरसंभव प्रयास व सहयोग किया जा रहा है। नगर पंचायत अध्यक्ष अरुणा बेंजवाल ने बताया कि नगर पंचायत में संसाधनों की कमी के बावजूद नगर पंचायत कर्मचारियों और पर्यावरण मित्रों ने लगातार कार्य करके नगर का मान बढ़ाया है। नगर वासियों ने नगर पंचायत के दिशा-निर्देशों का खुले मन से समर्थन कर इस पंचायत का मान बढ़ाया है।

 

उन्होंने बताया कि नगर पंचायत गठन के 8 साल बाद भी कूड़ा निस्तारण के लिए जगह की व्यवस्था नहीं थी। तब भी लगातार यह कार्य किया गया। नगर पंचायत ने कूड़े की छंटनी करके बिक्री से नगर पंचायत की आय में वृद्धि करने का भी काम किया। बताया कि डंपिंग जोन और कूड़ा निस्तारण के लिए भूमि चयन प्रक्रिया गतिमान है। पिछले तीन साल में नगर पंचायत ने शहर का कूड़ा एकत्रित कर उसे बेचकर साढ़े लाख रुपए कमाया है।

नगर पंचायत के अधिशासी अधिकारी हरेन्द्र सिंह चौहान ने बताया कि नगर पंचायत के अंतर्गत 26 पर्यावरण मित्र कार्य कर रहे हैं। नगर पंचायत के वार्डो में घर-घर जाकर कूड़ा एकत्रित किया जाता है और फिर उसकी छंटनी कर जैविक-अजैविक कूड़े का निस्तारण किया जाता है। जैविक कूड़े को कंपोस्ट पिट में डालकर उसकी खाद बनाई जाती है और अजैविक कूड़ा नगर पंचायत के शैल्टर में लाकर छंटनी कर कबाड़ी को बेचा जाता है।

इस तरह कूड़े में प्राप्त प्लास्टिक को नेप्रा ग्रुप राजस्थान को फ्री में दिया जाता है। नगर पंचायत के शेल्टर में कंपैक्टर मशीन में इस कूड़े को डालकर उसकी बिल्टी बनाई जाती है और तभी वह सप्लाई किया जाता है। नेप्रा ग्रुप नगर पंचायत को इस कार्य के लिए प्रमाण पत्र भी देता है। नगर पंचायत क्षेत्र में पर्यावरण मित्र सुबह और शाम दो समय सफाई करते हैं। इसमें जनता का भी बड़ा योगदान है। लोग अब स्वयं कूड़े को अलग-अलग करके रख रह रहे हैं।

 

 

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