मकर संक्रांति का स्नान तय करेगा कुंभ का स्वरूप..
उत्तराखंड: मकर संक्रांति पर्व के स्नान को कुंभ मेले का अभ्यास स्नान माना जा रहा है। ऐसे में पुलिस और जिला प्रशासन भी कुंभ मेला स्नान पर्व को लेकर कोई लापरवाही नहीं बरतना चाहता। इस स्नान में अगर कोई कमी सामने आती है तो उसे कुंभ के स्नान से पहले सुधारने की कोशिश की जाएगी।
अधिकृत रूप से हरिद्वार कुंभ का अभी आगाज नहीं हुआ है, लेकिन यदि परंपरा की बात करें तो आज यानी 14 जनवरी को मकर संक्रांति के दिन हरिद्वार में होने वाला गंगा स्नान ही कुंभ का स्वरूप तय करेगा। कोविड के साये में हो रहे इस पहले कुंभ में यदि आज गंगा स्नान में कोई बाधा नहीं हुई तो यकीन मानिये कि इस बार का कुंभ भी पहले के कुंभ की तरह ही भव्य और विराट होगा। सरकार के निर्देश पर मेला प्रशासन ने तैयारी भी कुछ इसी तरह से की है।
हरिद्वार कुंभ 2021 का नोटिफिकेशन अभी जारी नहीं हुआ है। इसके बावजूद आज 14 जनवरी को मकर संक्रांति है और इस दिन को पारंपरिक तौर पर कुंभ का आगाज माना जाता है। हरिद्वार जिला पुलिस और मेला प्रशासन व मेला पुलिस इस बात को अच्छी तरह समझते हैं। यही कारण है कि मकर संक्रांति के स्नान की सुरक्षा और यात्रियों की सुविधा का फुल प्रूफ प्लान तैयार किया है।
मकर संक्रांति पर्व के स्नान पर सुरक्षा व्यवस्था को खास तौर पर परखा जाएगा। यदि इस दौरान कोई कमी मिलती है तो उसे कुंभ से पहले दुरुस्त कर लिया जाएगा। खासतौर पर भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों पर इसको लेकर विशेष ध्यान भी दिया जाएगा।
मेला क्षेत्र में भीड़ को काबू करना चुनौती..
स्नान पर्व के अवसर पर भीड़ को काबू करना भी पुलिस के लिए सबसे बड़ी चुनौती होगी। इसके लिए बैरीकेडिंग भी की गई है। वहीं आधुनिक कंट्रोल रूम से भी भीड़ पर नजर रखी जाएगी। जिस क्षेत्र में भीड़ अधिक होगी। उस क्षेत्र की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए वहां तैनात पुुलिसकर्मियों को तुरंत आदेश दिए जाएंगे।