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होटल के कमरे में आते ही रो पड़े रविचंद्रन अश्विन, पत्नी ने बताया ‘दर्दनाक’ सच..

रविचंद्रन अश्विन

होटल के कमरे में आते ही रो पड़े रविचंद्रन अश्विन, पत्नी ने बताया ‘दर्दनाक’ सच...

देश-विदेश : सिडनी टेस्ट एक ऐसा मुकाबला है जिसे शायद कोई भारतीय क्रिकेट फैन ही भुला पाएगा. वो मैच जिसमें भारत की हार तय मानी जा रही थी उसे टीम इंडिया के खिलाड़ियों ने अपने संयम और बेखौफ अंदाज से ड्रॉ करा लिया था. सिडनी में ऑस्ट्रेलिया के बड़बोले दिग्गज खिलाड़ियों की बोलती बंद हुई और सीरीज 1-1 से बराबर ही रही. सिडनी टेस्ट को ड्रॉ कराने में ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन का बहुत बड़ा हाथ है, इस खिलाड़ी ने बल्ले से गजब का प्रदर्शन दिखाते हुए ऑस्ट्रेलिया के आग उगलते गेंदबाजों को ठंडा कर दिया था.

 

अश्विन ने 128 गेंदों का सामना करते हुए नाबाद 39 रन बनाए और हनुमान विहारी के साथ 259 गेंदों तक क्रीज पर खड़े रहे. अश्विन की ये पारी उनके टेस्ट करियर की सबसे खास लम्हों में एक है क्योंकि इस दौरान वो असहनीय कमर के दर्द से गुजर रहे थे. अश्विन सिडनी टेस्ट के चौथे दिन झुक नहीं पा रहे थे लेकिन इसके बावजूद वो पांचवें दिन बल्लेबाजी के लिए उतर गए और उन्होंने क्रीज पर खूंटा गाड़ दिया. सिडनी टेस्ट के दौरान अश्विन कितनी मुश्किल में सिडनी टेस्ट खेल रहे थे और मैच ड्रॉ कराने के बाद वो इतने भावुक हो गए है कि उनका खुलासा उनकी पत्नी पृथी ने किया है.

 

पृथी अश्विन ने बताया कि कैसे वो सिडनी टेस्ट के आखिरी दिन मैदान पर नहीं गई और अपने पति को दर्द में खेलते देखना उनके लिए कितना भावुक एहसास था. साथ पृथी ने बताया कि मैच खत्म होने के बाद जब अश्विन होटल के कमरे में आए तो उनकी भावनाएं चरम पर थी. पृथी अश्विन ने खुलासा किया, ‘मैच से एक रात पहले मैं अपनी दोनों बेटियों के साथ अलग कमरे में सोती हूं ताकि अश्विन को पूरा आराम मिल सके.

 

सिडनी टेस्ट के पांचवें दिन जब मैं सुबह उठी तो अश्विन को भयानक दर्द में पाया. अश्विन ने मुझे कहा कि लगता है मुझे फिजियो रूम में जाना पड़ेगा. किस्मत से फिजियो का कमरा हमारे बगल में ही था. अश्विन झुक नहीं पा रहे थे, बैठने के बाद सीधे खड़े नहीं हो पा रहे थे. मैं हैरत में थी क्योंकि मैंने कभी अश्विन को इस तरह नहीं देखा था. मैंने अश्विन से पूछा कि तुम कैसे बल्लेबाजी करोगे, तो उन्होंने जवाब दिया-मुझे नहीं पता, लेकिन मैं कोई हल निकाल लूंगा, बस मुझे मैदान जाने तो. तभी हमारी बेटी आध्या ने कहा-आज छुट्टी ले लो पापा. जब अश्विन कमरे से गए तो मुझे लग रहा था कि कुछ घंटों बाद फोन आएगा कि अश्विन को स्कैन के लिए अस्पताल ले जाया गया है.’

 

पृथी अश्विन ने आगे बताया, ‘सिडनी टेस्ट के पांचवें दिन मैं मैदान पर नहीं गई. बायो बबल हमारे लिए फैंस से ज्यादा मुश्किल होता है क्योंकि हम खिलाड़ियों के साथ रहते हैं. मैं खेल के तीसरे दिन गई थी लेकिन खेल के आखिरी दिन मैं नहीं जाना चाहती थी. मैं अपने कमरे में थी और जिंदगी में पहली बार मैंने अपने बच्चों को टीवी देखने की खुली छूट दी. उन्हें मैंने कहा कि तुम्हें जो देखना है वो देखो. बच्चों की वजह से मैं कभी-कभार ढंग से मैच नहीं देख पाती थी लेकिन उस दिन मैंने फैसला किया था कि मैं बिना किसी बाधा के सिडनी टेस्ट का पांचवां दिन देखूंगी.’

 

अश्विन को ड्रेसिंग रूम में खड़े देखकर पत्नी हुई परेशानपृथी अश्विन ने अपने लेख में बताया, ‘मैंने अपने पति को ड्रेसिंग रूम में खड़ा पाया. मुझे पता था कि अश्विन सोच रहे होंगे कि अगर वो बैठे तो खड़े नहीं हो पाएंगे. इस बात ने मुझे और परेशान कर दिया. मतलब वो अभी अच्छा महसूस नहीं कर रहे थे. मतलब पेन किलर्स (दवाइयां) ने अबतक असर दिखाना शुरू नहीं किया था. मेरे दिमाग में ऐसे ही विचार आ रहे थे. जब अश्विन बल्लेबाजी के लिए आए तो मेरे दिमाग में सवाल आया कि आखिर ये कैसे बल्लेबाजी करेंगे?’ पृथी ने आगे बताया, ‘मुझे अपने पति से क्या उम्मीद करनी चाहिए इसका मुझे कोई अंदाजा नहीं था लेकिन जब अश्विन का चेहरा स्क्रीन पर दिखाई दिया तो मुझे एहसास हुआ कि अब अश्विन अपने जोन में जा चुके हैं.

 

मैंने पहले भी कई बार उनके चेहरे पर इस तरह का विश्वास देखा है. मैदान पर गेंद उनकी हाथों पर लगी, कंधे पर लगी और एक बार पसलियों में लगी. फिजियो उनके पास गया. मुझे पता था कि ऑस्ट्रेलिया में ऐसा ही होने वाला है और वो इस तरह की गेंदें झेलने में सक्षम हैं. लेकिन अश्विन कमर दर्द से जूझ रहे थे इसलिए मैं चिंता में थी कि इस तरह की गेंदें उन्हें और मुश्किल में डाल देंगी.’

 

पृथी अश्विन ने आगे लिखा है कि, ‘मैच के दौरान मां का फोन आया था, मैंने उन्हें कहा कि अभी बात नहीं कर सकती हूँ क्योंकि सैकड़ों सालों में एक बार खेले जाना वाला मैच आज चल रहा है. मुझे पता था कि आज मैं इतिहास बनते देख रही हूं. जब मैं होटल में रहती हूं तो अपनी भावनाओं को जाहिर करने का सबसे अच्छा माध्यम ट्विटर होता है. मैं अपने दोस्तों और परिवार से इतने तनाव के बीच बातें नहीं करती थी. जैसे-जैसे ओवर बढ़ते जा रहे थे मैच और ज्यादा तनाव में आ रही थी लेकिन अश्विन मुझे शांत दिखाई दे रहे थे. इसके बाद अश्विन अपने अंदाज में साथी खिलाड़ी का हौसला बढ़ा रहे थे.

 

अश्विन ने अपनी भावनाओं पर काबू पा लिया था. जब पांच ओवर बचे थे तो मुझे हैरानी हो रही थी कि ऑस्ट्रेलिया आखिर अब भी मैच ड्रॉ क्यों नहीं मान रहा है. इसके बाद मैंने हर बॉल को गिनना शुरू कर दिया और आखिरकार मैच खत्म हो गया. मैं अपने कमरे में उछलने लगी, चिल्लाने लगी. मेरी बेटियां भी वहीं पर मौजूद थीं और उन्होंने मुझसे पूछा-क्या हम जीत गए? मैंने उन्हें कुछ नहीं बताया. बस मैं खुश थी.’

जब अश्विन कमरे में आए तो क्या हुआ…

पृथी ने खुलासा किया कि जब आर अश्विन कमरे में आए तो वो बहुत हंसे और साथ ही रोए. अश्विन की आंखों में आंसूओं का सैलाब था और साथ ही चेहरे पर खुशी. ये एक अलग तरह का एहसास था. अश्विन सिर्फ दो मिनट कमरे में रहे और इसके बाद वो फीजियो के कमरे में चले गए और फिर उनका स्कैन हुआ.

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