उत्तराखंड

अल्मोड़ा में तेंदुए ने महिला पर किया हमला, तीन दिन बाद झाड़ियों में मिला शव..

अल्मोड़ा में तेंदुए ने महिला पर किया हमला, तीन दिन बाद झाड़ियों में मिला शव..

उत्तराखंड: अल्मोड़ा के स्याल्दे ब्लॉक में बरंगल गांव के किमबगड़ तोक में तेंदुए ने 50 वर्षीय एक महिला को मार डाला। महिला तीन दिन से लापता थी। बुधवार को उसका शव क्षत विक्षत हालत में गांव से 200 मीटर दूर झाड़ियों में बरामद हुआ। जौरासी के रेंजर मोहन राम आर्य ने आशंका जताई कि पूर्व में आदमखोर घोषित तेंदुए ने ही महिला को अपना शिकार बनाया होगा। घटना से बरंगल गांव समेत आसपास के गांवों के लोगों में दहशत का माहौल हैं।

 

किमबगड़ तोक निवासी शांति देवी घर पर अकेले रहती थी। वह तीन दिन से लापता थी। ग्रामीण उसको ढूंढ़ने में लगे थे। महिला के घर के आसपास तेंदुए के पंजों के निशान भी देखने को मिले। बुधवार को ग्रामीण और उप वन क्षेत्राधिकारी हेम चंद्र आर्य के नेतृत्व में महिला की फिर खोजबीन की तो घर से करीब दो सौ मीटर दूर झाड़ियों में महिला का शव क्षत विक्षत हालत में बरामद हुआ। सूचना मिलते ही राजस्व पुलिस भी मौके पर पहुंच गई।

 

108 एंबुलेंस की सहायता से महिला का शव सीएचसी देघाट लाया गया, जहां रानीखेत से पहुंची डॉक्टरों की टीम ने शव का पोस्टमार्टम किया। सूचना पर तहसीलदार भिकियासैंण निशा रानी, कानूनगो शंकर गिरि, राजस्व एसआई धीरज कुमार, रेंजर मोहन राम आर्य भी अस्पताल पहुंचे। पोस्टमार्टम के बाद शव ग्रामीणों को सौंप दिया। ग्रामीणों ने तहसीलदार और रेंजर से तेंदुए से शीघ्र निजात दिलाने की मांग की। साथ ही वन विभाग की टीम क्षेत्र में गश्त कर रही है।

 

आदमखोर घोषित तेंदुए को मारने के लिए क्षेत्र में पहले से ही एक शिकारी तैनात है। लेकिन वन विभाग की टीम ने अब बिजनौर से एक और शिकारी को बुलाया है। रेंजर मोहन राम आर्य ने बताया कि बिजनौर से शिकारी रात तक क्षेत्र में पहुंच जाएगा।

घटना स्थल पर लगाया पिंजरा..

आदमखोर तेंदुए को पकड़ने के लिए क्षेत्र में पिंजरा लगाया गया है। महिला को शिकार बनाने के बाद वन विभाग ने घटनास्थल के समीप पिंजरा लगा दिया है। ग्रामीणों ने भी डीएम से तेंदुए के बढ़ते आतंक से छुटकारा दिलाने की मांग की है।

तेंदुए के आतंक से गांव में रहना मुश्किल हो गया है। शाम ढलते ही तेंदुए के डर से लोगों का घरों से बाहर निकलना मुश्किल हो गया है। महिलाएं अकेले चारा, जलौनी लकड़ी लेने जंगल नहीं जा पा रहीं हैं। तेंदुए के बारे में वन विभाग के अधिकारियों को कई बार बताया गया लेकिन अब तक तेंदुआ नहीं पकड़ा गया।

 

तेंदुए के आतंक से रात काटनी मुश्किल हो रही है। यहाँ तक की दिन में भी तेंदुए का भय बना रहता है। अकेले राह चलने पर भी लोग अपने को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। तेंदुआ कई बार झाड़ियों में छिपा रहता है और मौका पाते ही लोगों पर हमला कर देता है। इस कारण शाम होते ही लोग आवाजाही करने में कतरा रहे है। खासकर छोटे बच्चों के अकेले खेलने या आने-जाने में उनकी जान को खतरा बना रहता है। तेंदुए को जल्द से जल्द पकड़ा जाना चाहिए।

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