वन दरोगा की ऑनलाइन भर्ती परीक्षा में छह लोगों पर मुकदमा दर्ज..
पिछले साल हुई ऑनलाइन वन दरोगा भर्ती परीक्षा में नकल करने का मामला सामने आया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर डीजीपी ने इस मामले की जांच का जिम्मा एसटीएफ को दिया है,
उत्तराखंड: पिछले साल हुई ऑनलाइन वन दरोगा भर्ती परीक्षा में नकल करने का मामला सामने आया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर डीजीपी ने इस मामले की जांच का जिम्मा एसटीएफ को दिया है, साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन में रिपोर्ट किए गए मामले में छह लोगों के नाम हैं। उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने 16 सितंबर से 25 सितंबर तक 18 शिफ्टों के दौरान 316 पदों के लिए यह परीक्षा आयोजित कराई थी। परीक्षा मैमर्स एनएसईआईटी लिमिटेड एजेंसी के माध्यम से विभिन्न परीक्षा केंद्रों पर आयोजित की गई थी।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की जीरो टॉलरेंस करप्शन की नीति और नकल माफियाओं के विरुद्ध कठोर कार्यवाई के निर्देश के क्रम में आज एक और बड़ी कार्रवाई हुई है। मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने ऑनलाइन वन दरोगा भर्ती की जांच कराने के लिए पुलिस महानिदेशक को निर्देशित किया था। मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद डीजीपी ने उक्त प्रकरण की जांच एसटीएफ को सौंपी है। मामले में साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।
मुख्यमंत्री ने लगातार जीरो टॉलरेंस ऑन करप्शन की नीति से कोई समझौता न करने की बात कही है। उनका कहना हैं कि भर्ती प्रक्रिया में यदि कोई अनियमितता है, तो इसमें संलिप्त लोगों के विरुद्ध कठोर कार्यवाही की जाएगी। कोई भी दोषी बख्शा नहीं जाएगा। प्रदेश के ईमानदार और परिश्रमी युवाओं के साथ सरकार अन्याय नहीं होने देगी।
एसएसपी एसटीएफ अजय सिंह का कहना हैं कि वन दरोगा के 316 पदों पर भर्ती परीक्षा 16 सितंबर21 से 25 सितंबर 21 के बीच 18 शिफ्टों में ऑनलाइन आयोजित हुई थी। परीक्षा में अनियमितता और कुछ छात्रों द्वारा अनुचित साधनों के प्रयोग की जांच के बाद पुष्टि हुई है। जिसके बाद साइबर थान में उत्तर प्रदेश सार्वजनिक परीक्षा नकल निवारण अधिनियम की विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। बताया कि इसमें कुछ छात्रों को चिन्हित भी कर लिया गया है। साथ ही इसमें सम्मिलित कुछ नकल माफियाओं को हिरासत में लेकर गहन पूछताछ भी चल रही है।
प्रारंभिक जांच में इस परीक्षा का आयोजन करने वाले संगठन मेसर्स एनएसईआईटी लिमिटेड के शामिल होने के सबूत मिले हैं। सूचित किया कि अन्य निजी संस्थान जहां परीक्षा आयोजित हुई, उनको भी चिन्हित कर लिया गया है। बताया कि ऑनलाइन नकल करने वाले माफिया समूह के सदस्यों की पहचान हरिद्वार, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और दिल्ली के आसपास के ग्रामीण इलाकों से आने वाले के रूप में हुई है. ऑनलाइन नकल परीक्षा गिरोह, निजी संस्थान जहां नकल केंद्र थे,ऑनलाइन परीक्षा कराने वाली एजेंसी के कुछ लोग,कक्ष निरीक्षक, व परीक्षा से जुड़े कुछ लोग जांच में संदिग्ध प्रकाश में आए है।