बागेश्वर : जनपद के कुँवारी गांव में हो रहे भूस्खलन को देखते हुए आपदा प्रबंधन की टीम भू वैज्ञानिकों के साथ गांव में रहकर सर्वेक्षण कर रही है। आज टीम ने ड्रोन कैमरों के माध्यम से गांव में हो रहे भूस्खलन के कारणों की जानकारी प्राप्त की।
आपदा प्रबन्धन अधिकारी शिखा सुयाल ने बताया कि भूस्खलन प्रभावित क्षेत्र ग्राम कुवॉंरी में सहायक भूवैज्ञानिक रवि नेगी व कनिष्ठ अभियन्ता आपदा प्रबन्धन बसन्त सिंह चौहान , एस0डी0आर0एफ0 दल एवं हल्द्वानी से आये ड्रोन सर्वे दलों की सहायता से प्रभावित क्षेत्र का ड्रोन सर्वेक्षण कार्य किया गया।
एस0डी0आर0एफ0दल द्वारा 1000 मीटर ऐरियल डिस्टेंश 150 मीटर ऊॅचार्इ तक ड्रोन सर्वेक्षण कार्य किया गया। तथा ग्राम के नीचले भूभाग से डाटा को एकत्रित किया गया। उन्होंने बताया कि हल्द्वानी से आये ड्रोन सर्वेक्षण दल द्वारा लगभग 1800 मीटर ऐरियल डिस्टेंश एवं 250 मीटर ऊॅचार्इ तक ग्राम के अन्तर्गत ड्रोन सर्वेक्षण का कार्य किया गया। ड्रोन सर्वेक्षण से यह देखा गया है कि ग्राम के उपरी भागों में भूस्खलन से जनित क्राउन की चौडार्इ 06-07 मीटर है, जिसके दक्षिण में एस्कार्पमैन्ट एवं उत्तर में तीव्र डाउनस्लोप ढलान एवं घना वन क्षेत्र है जिसके अन्तर्गत तीव्र ढलानों पर उत्तर पश्चिम से दक्षिण पूरव दिशाओं में दरारों जनित है।
उन्होंने बताया कि ग्राम के अपस्लोप तीव्र ढलानों पर भूस्खलन के कारण जनित मलवे के कारण भूमि में दरारें आ गयी है जहॉ ग्राम के अन्तर्गत वर्षाकाल के दौरान उपरी ढलानों से भूस्खलन से जनित मलवे के खिसकने के कारण ग्राम में खतरे की आशंका से इन्कार नहीं किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि उक्त के अतिरिक्त नये प्रस्तावित स्थलों हेतु राजस्व विभाग के अधिकारियों एवं कार्मिकों द्वारा स्थल चयन का कार्य प्रगति पर है।