उत्तराखंड

चैमासी-खाम बुग्याल-केदारनाथ पैदल ट्रैक के लिए ट्रैकिंग दल रवाना…

चैमासी-खाम बुग्याल-केदारनाथ पैदल ट्रैक के लिए ट्रैकिंग दल रवाना

ट्रैकिंग करते हुये दल कल पहुंचेगा केदारनाथ…

आपदा के समय चैमासी-केदारनाथ पैदल ट्रैक ने बचाई थी हजारों लोगों की जान..

केदारनाथ पहुंचकर पुलिस महानिरीक्षक ने लिया सुरक्षा व्यवस्थाओं का जायजा..

रुद्रप्रयाग। दो दिवसीय चैमासी-केदारनाथ पैदल ट्रैकिंग दल को केदारनाथ विधायक मनोज रावत एवं आईजी गढ़वाल अभिनव कुमार ने हरी झंडी दिखाकर केदारनाथ धाम के लिये गुप्तकाशी से रवाना किया। यह दल आज रात्रि को अंतिम गांव चैमासी रूकेगा और कल सुबह सोमवार को खाम बुग्याल होते हुए केदारनाथ पहुंचेगा और मंगलवार को इसी पैदल ट्रैक से वापस लौटेगा। ट्रैकिंग दल में पन्द्रह से बीस स्थानीय युवक, चार एसडीआरएफ के जवान एवं दो वन विभाग के कर्मचारी शामिल हैं।

चैमासी-खाम बुग्याल

दरअसल, 16-17 जून 2013 की केदारनाथ आपदा के समय केदारनाथ-चैमासी पैदल ट्रैक काफी लाभदायक सिद्ध हुआ था। हजारों यात्री जान बचाने के लिये इस पैदल ट्रैक से सुरक्षित पहुंचे थे। पूर्व में भी इस पैदल ट्रैक से ट्रैकिंग की गई थी। केदारघाटी के गुप्तकाशी में केदारनाथ विधायक मनोज रावत, आईजी गढ़वाल अभिनव कुमार, पुलिस अधीक्षक रुद्रप्रयाग नवनीत सिंह भुल्लर आदि ने हरी झंडी दिखाकर पैदल ट्रैक को केदारनाथ धाम के लिये रवाना किया।

 

आईजी गढ़वाल अभिनव कुमार ने कहा कि रोजगार की दिशा में यह सराहनीय कदम है। 2013 की आपदा ने काफी नुकसान हुआ था। यात्रियों को पैदल ट्रैकों का पता नहीं था। यदि यहां के पैदल ट्रैकों के बारे में जानकारी होती तो इसका लाभ मिलता और हजारों लोगों को बचाया जा सकता था। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के पैदल टै्रकों पर यह कार्य होने चाहिये, जिससे सभी को इन पैदल ट्रैकों के बारे में जानकारी मिल सके।

केदारनाथ विधायक मनोज रावत ने कहा कि कोरोना वायरस के कारण यहां के हजारों लोग बेरोजगार हुये हैं। इस पैदल ट्रैक पर रोजगार के अनेक अवसर हैं। रोजगार को तलाशते हुये इस पैदल ट्रैक को विकसित करने के प्रयास किये जा रहे हैं। पूर्व में भी इस ट्रैक पर यात्रा करवायी गई थी। जो भी कमियां इस ट्रैक में मिलेंगी, उनको दूर किया जायेगा। इस संबंध में एक रिपोर्ट भी प्रदेश सरकार को सौंपी जायेगी। उन्होंने कहा कि केदारनाथ आपदा के समय सबसे लाभदायक वैकल्पिक मार्ग यही सिद्ध हुआ था। भविष्य में आपदा जैसी कोई स्थिति पैदा होती है तो बचाव के लिये इन पैदल ट्रैकों का सुचारू होना जरूरी है। यह मार्ग धा को आसानी से जोड़ता है। चैमासी से होते हुये खाम बुग्याल और हथनी को पार करते यह मार्ग सीधे भैरवनाथ मंदिर केदारनाथ में पहुंचता है। यहां मोनाल सहित अनेक पक्षी भी देखने को मिलते हैं।

 

वहीं दूसरी ओर पुलिस महा निरीक्षक गढ़वाल परिक्षेत्र अभिनव कुमार ने केदारनाथ धाम पहुंचकर सुरक्षा व्यवस्थाओं का जायजा लिया। उन्होंने उपस्थित समस्त कार्मिकों से धाम में की जा रही ड्îूटियों के संबंध में अनुभव प्राप्त किए। साथ ही यहां आ रही समस्याओं के बारे में जानकारी ली। बता दें कि पुलिस महा निरीक्षक जनपद रुद्रप्रयाग और चमोली के तीन दिवसीय दौरे पर हैं और इस दौरान वे केदारनाथ और बद्रीनाथ धाम की सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लेंगे।

केदारनाथ धाम में पुलिस महानिरीक्षक ने कार्मिकों को धाम में हो रही ठंड से बचाव किए जाने और कोरोना वायरस से स्वयं का बचाव करने को कहा। साथ ही सोशल डिस्टेंसिंग का अनिवार्य रूप से पालन किए जाने, मास्क धारण किये जाने तथा नियमित रूप से हाथ धोने की प्रक्रिया को अपनी दैनिक आदतों में शुमार किये जाने के लिए निर्देशित किया। इस दौरान पुलिस महा निरीक्षक ने तीर्थयात्रियों से भी मुलाकात की और उनकी समस्याओं को सुना।

 

इस अवसर पर पुलिस अधीक्षक नवनीत सिंह ने बताया कि इस वर्ष कोरोना महामारी के कारण माह जुलाई से केदारनाथ में यात्रियों का आवागमन शुरू हुआ। शुरुआती चरण में यात्रियों की संख्या काफी कम रही। वर्तमान में हेली सेवाओं का संचालन शुरू हो गया है और आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में प्रति हदिन वृद्धि हो रही है। यात्रियों की बढ़ती संख्या के दृष्टिगत उनकी सुरक्षा को मध्यनजर रखते हुए केदारनाथ में आवश्यकतानुसार पुलिस बल की तैनाती की गई है।

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