आखिर क्यों भाजपा से जनता की पहली पसंद बन रहे कमलेश उनियाल?
रुद्रप्रयाग विधानसभा में जनता के सिर चढ़कर बोल रहा कमलेश का जादू..
जनता भी चाहती है कि भाजपा से उनियाल को मिले टिकट..
रुद्रप्रयाग। जल्द ही आचार सहिंता लगने जा रही है और भाजपा में भी टिकट को लेकर दावेदारों ने पर्यवेक्षकों के सामने अपनी दावेदारी पेश कर दी है। रुद्रप्रयाग विधानसभा से भाजपा से करीब दस के करीब भाजपा नेताओं ने पार्टी पर्यवेक्षक के सामने अपनी दावेदारी रखी है। अब हाईकमान के तय करने के बाद ही एक कार्यकर्ता को प्रत्याशी घोषित किया जायेगा, मगर जिस तरह से रुद्रप्रयाग विधानसभा में भाजपा प्रदेश सह मीडिया प्रभारी की चर्चाओं का बाजार गर्म है। उससे यही लगता है कि पार्टी इस बार उन पर दांव खेल सकती है।
बता दें कि उत्तराखण्ड में विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं और शहर से लेकर गली-चैराहों में चुनाव की चर्चाओं से माहौल गर्म है। देवभूमि उत्तराखण्ड में एक ओर ठंड का प्रकोप तो दूसरी ओर चुनाव को लेकर सरगर्मियां तेज हो गई हैं। युवा से लेकर महिलाएं और बर्जुर्गों में चुनाव को लेकर खासा उत्साह देखने को मिल रहा हैं। जो युवा पहली बार विधानसभा चुनाव में अपने मत का प्रयोग करेंगे, वे भी अपने नेता को चुनने के लिए उत्सुक नजर आ रहे हैं।
इस बार रुद्रप्रयाग विधानसभा भी हाॅट सीट बनी हुई है। यहां सीटिंग विधायक होने के बावजूद भी पार्टी असमंजस की स्थिति में है। क्यों कि जनता के बीच वर्तमान विधायक की छवि काफी खराब नजर आ रही है। जनता भाजपा को पसंद तो करती है, मगर क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि से खासी नाराज है। इन पांच सालों में जनता पानी, सड़क, शिक्षा, बिजली और रोजगार को लेकर खासी परेशान रही। क्षेत्रीय विधायक का ध्यान मात्र अपने चहेतों को काम बांटने में लगा रहा। जनता के बीच अपना व्यवहार बनाने में भी विधायक फेल साबित हुए। मूलभूत समस्याओं को लेकर जनता सड़कों पर आंदोलन करती रही तो मांग पूरी न होने पर जनता ने स्वयं ही अपने गांव तक सड़क बना ली।
ऐसे कई गांव हैं, जहां के लोगों ने अपने गांव तक खुद ही मेहनत कर रास्ता तैयार किया। इसके अलावा शिक्षा के क्षेत्र में भी कोई खास काम नहीं हुआ। स्कूलों में शिक्षकों का टोटा होना से छात्रों के पठन-पाठन में व्यवधान ही रहा। जबकि रोजगार को लेकर किसी को भी कुछ भी हासिल नहीं हुआ। सर्वे के दौरान हर जगह विधायक को ठेकेदार ही कहा गया। जो लोग कल तक विधायक के साथ नजर आते थे, वे भी खुले मंच से विधायक का विरोध करते नजर आये। कुल मिलाकर देखा जाय तो आम जनता की यही शिकायत रही कि क्षेत्रीय विधायक अपना ही विकास कर पाये, जनता के लिए उन्होंने कुछ भी नहीं किया।
अभी हाल ही के दिनों में आनन-फानन में जनता के बीच छवि साफ करने को लेकर मोटरमार्गो का शिलान्यास कर डाला। अब ये मोटरमार्ग कब तक बन पायेंगे, यह तो भविष्य ही तय करेगा, मगर जिस तरीके से जनता ने क्षेत्रीय विधायक से उम्मीदें लगाई थी, वे कोई भी कार्य नहीं हो पाये। यही कारण है कि क्षेत्रीय विधायक के पति जनता का आक्रोश बना हुआ है और अगर उन्हें भाजपा टिकट देती है तो भाजपा को हार का सामना भी देखना पड़ सकता है।
भाजपा में टिकट को लेकर दस के करीब पदाधिकारियों ने अपनी दावेदारी पर्यवेक्षकों के सामने रखी है और हाईकमान को अब तय करना है कि किस व्यक्ति को टिकट देकर वह सीट निकाल सकती है, मगर जनता की जुबान पर जो नाम सबसे पहले आ रहा है वह भाजपा के प्रदेश सह मीडिया प्रभारी कमलेश उनियाल का है। युवा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की तर्ज पर रुद्रप्रयाग विधानसभा की जनता युवा विधायक भी चाहती है और जनता का विश्वास भी है कि इस बार भाजपा कमलेश उनियाल पर दांव खेले तो भाजपा की सीट पक्की है।
भाजपा प्रदेश सह मीडिया प्रभारी कमलेश उनियाल मूलतः जिले के जखोली विकासखण्ड के पट्टी लस्या ग्राम देवल निवासी हैं। जो वर्षो से भाजपा में सेवाएं देते आ रहे हैं। उत्तराखण्ड राज्य आंदोलन में उन्होंने सक्रिय भूमिका निभाई और दिल्ली से लेकर रामपुर तिराहे पर पुलिस द्वारा रोके जाने पर घायल हुए। उन्होंने बीकाॅम से ग्रेजुएट किया है और वर्ष 1996 में राजकीय महाविद्यालय ऋषिकेश में यूआर के पद पर रहकर छात्रों के हित में संघर्ष किया। सन् 1997 में महासचिव के लिए चुनाव लड़े। सन् 1998 में अध्यक्ष अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद प्रत्याशी रहे। ट्रांसपोर्ट यूनियन से जुड़कर मोटर मालिक व चालकों के लिए संघर्ष किया और सन् 1999 से 2002 तक भाजपा मण्डल अध्यक्ष डोईवाला ग्रामीण भी रहे।
भारतीय जनता पार्टी युवा मोर्चा में वर्ष 2005 से 2008 तक प्रदेश कार्य समिति सदस्य रहकर युवा मोर्चा की समस्याओं का समाधान किया। वर्ष 2009 से 2011 तक जिलाध्यक्ष भारतीय जनता पार्टी युवा मोर्चा देहरादून के पद पर रहे और वर्ष 2012 से 2016 तक प्रदेश कार्य समिति सदस्य रहे। वर्ष 2017 दिसम्बर से 2018 नवम्बर तक मिशन 2019 विस्तारक प्रमुख जिला रुद्रप्रयाग का दायित्व संभाला। वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में कमलेश उनियाल ने भाजपा प्रत्याशियों की जीत के लिए रात दिन एक किया, जिसका नतीजा यही रहा कि जिस सीट से उन्होंने प्रत्याशी के लिए प्रचार-प्रसार किया और युवाओं एवं महिलाओं को एकजुट किया, उससे भाजपा की जीत हो पाई।
वर्तमान में पार्टी के प्रति उनकी निष्ठा को देखते हुए प्रदेश संगठन में प्रदेश सह मीडिया प्रभारी का दायित्व दिया गया है। राजनीतिक विशेषज्ञों की माने तो अगर भाजपा कमलेश उनियाल पर दांव खेलती है तो युवा चेहरा होने के नाते उनकी जीत पक्की है और पार्टी को ज्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ेगा।
भाजपा से टिकट के दावेदार..
भरत चौधरी, कमलेश उनियाल, बीरेन्द्र बिष्ट, वाचस्पति सेमवाल, अमरदेई शाह, बीर सिंह रावत, आचार्य शिव प्रसाद ममगांई, गिरवीर सिंह रावत, कुलदीप नेगी आजाद, अजय सेमवाल