उत्तराखंड

डीआईजी अरुण मोहन जोशी अब संभालेंगे विजिलेंस की जिम्मेदारी..

देहरादून के नए कप्तान होंगे आईपीएस योगेंद्र सिंह रावत..

उत्तराखंड: शासन भारतीय पुलिस सेवा के पांच अफसरों का तबादला कर दिया है। आईपीएस योगेंद्र सिंह रावत देहरादून के नए पुलिस कप्तान बनाए गए हैं। इस पद पर रहे पुलिस उपमहानिरीक्षक अरुण मोहन जोशी अब सतर्कता, पीएसी व एटीसी की जिम्मेदारी देखेंगे।

संयुक्त सचिव (गृह) ओमकार सिंह ने गुरुवार को तबादला आदेश जारी किए। देहरादून के एसएसपी बनाए गए योगेंद्र सिंह रावत के स्थान पर एसडीआरएफ में सेनानायक तृप्ति भट्ट को टिहरी का एसएसपी बनाया गया है। पुलिस महानिरीक्षक गढ़वाल परिक्षेत्र अभिनव कुमार अब प्रभारी अपर पुलिस महानिदेशक प्रशासन की जिम्मेदारी देखेंगे।

 

 

पुलिस उपमहानिरीक्षक सतर्कता व पीएसी नीरू गर्ग को अभिनव कुमार के स्थान पर उपमहानिरीक्षक गढ़वाल परिक्षेत्र का प्रभार दिया गया है। पुलिस उपमहानिरीक्षक अरुण मोहन जोशी अब नीरू गर्ग के स्थान पर सतर्कता व पीएसी का जिम्मा देखेंगे। उन्हें एटीसी का भी प्रभार दिया गया है। संयुक्त सचिव गृह ओमकार सिंह ने बृहस्पतिवार को पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार से पुलिस मुख्यालय में शिष्टाचार भेंट की। उन्होंने अशोक कुमार को डीजीपी बनने की बधाई दी। इस अवसर पर उन्होंने उन्हें पुष्पगुच्छ भी भेंट किया।

राजधानी के नए कप्तान एसएसपी योगेंद्र सिंह रावत को चुनौतियां शहर में नहीं, बल्कि हजारों मील दूर से मिलेंगी। वर्तमान समय में सबसे बड़ी चुनौती के रूप में साइबर ठगी को ही माना जा रहा है। इससे संबंधित हर दिन चार से पांच मामले देहरादून शहर में आ ही जाते हैं। हालांकि, साइबर थाना पुलिस इस मामले में अपना अलग काम कर रही है, लेकिन मुकदमों को ग्राम जिला पुलिस को ही झेलना पड़ेगा। इस ग्राफ को कम करने के लिए जिला पुलिस को भी अपनी ताकत झोंकनी होगी।

 

 

इसके अलावा शहर में ट्रैफिक की समस्या को भी एक चुनौती के तौर पर देखा जाता है। लगभग एक दशक पहले से ही ट्रैफिक की समस्या हर कप्तान के लिए चुनौती का सबब होती है। ऐसे में बेहतर प्लान और सूझ बूझ की इस क्षेत्र में भी जरूरत होगी।

अब देखने वाली बात यह होगी कि आने वाले कप्तान इन समस्याओं पर किस तर से पार पाते हैं। हालांकि, अलग अलग चुनौतियों को झेलने के बाद नए कप्तान के पास दून की इन सब समस्यों से पार पाने की योजना तो होगी, मगर इसमें कितनी सफलता उन्हें मिलती है यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा।

 

 

यादगार रही जोशी की कप्तानी..

जोशीले अंदाज और कार्यशैली से डीआईजी अरुण मोहन जोशी ने हर चुनौती को पस्त कर दिया। उनके 15 माह के कार्यकाल में दून पुलिस ने एक के बाद एक खुलासे किए। कार्यकाल के अंतिम दिन भी दून की सबसे बड़ी डकैती का अंतिम आरोपी उनकी टीम ने दबोच लिया। कोविड में लॉकडाउन के दौरान भी दून पुलिस की कार्यशैली की हर तरफ तारीफ की गई। देहरादून के एसएसपी बनते वक्त उन्होंने जनता का मित्र बनने का वादा किया था और इस वादे को बखूबी निभाया भी। यही नहीं जाते-जाते भी डीआईजी अरुण मोहन जोशी दून में पिछले महीनों हुई बड़ी डकैती कांड का खुलासा कर गए।

 

 

दरअसल, सितंबर 2019 में बतौर एसएसपी आईपीएस अरुण मोहन जोशी ने कार्यभार संभाला था। पिछली कुछ घटनाएं उन्हें चुनौतियों के रूप में मिली, जिनमें उनकी टीम ने उम्मीद से बढ़कर काम किया और जल्द ही इन चुनौतियों से पार पा लिया।

इसके बाद सबसे बड़ी चुनौतियों के रूप में उन्हें ईश्वरन के घर डकैती के रूप में मिली। इसमें उनकी टीम को भले ही 14 महीने का वक्त लगा, लेकिन सभी नौ आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया। उनकी इन कामयाबियों की बदौलत दून पुलिस का मनोबल सातवें आसमान पर रहा।

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