उत्तराखंड

नेपाल संग और बढ़ेगी भारत की नजदीकी-सीएम धामी..

नेपाल संग और बढ़ेगी भारत की नजदीकी-सीएम धामी..

500 किलोमीटर का सफर कुछ मिनटों में होगा पूरा..

 

 

 

 

 

 

 

भारत-नेपाल के बीच उत्तराखंड के पिथाैरागढ़ जिले से आने वाले दिनों में आवागमन बहुत ही आसान हो जाएगा। दोनों देशों के नागरिक आसानी से एक से दूसरे देश में आ जा सकेंगे। ये बातें सीएम धामी ने सोमवार को पिथौरागढ़ पहुंचकर छारछुम में काली नदी पर भारत-नेपाल के बीच 110 मीटर स्पान सेतु के शिलान्यास के बाद कहीं।

 

 

 

 

उत्तराखंड: भारत-नेपाल के बीच उत्तराखंड के पिथाैरागढ़ जिले से आने वाले दिनों में आवागमन बहुत ही आसान हो जाएगा। दोनों देशों के नागरिक आसानी से एक से दूसरे देश में आ जा सकेंगे। ये बातें सीएम धामी ने सोमवार को पिथौरागढ़ पहुंचकर छारछुम में काली नदी पर भारत-नेपाल के बीच 110 मीटर स्पान सेतु के शिलान्यास के बाद कहीं। आपको बता दे कि 32 करोड़ 98 लाख रुपये की लागत से बनने वाले इस पुल की स्वीकृति का शासनादेश 09 जून 2022 को हुआ था। सीएम धामी का कहना हैं कि धारचूला और बनबसा के बीच कोई भी पुल नहीं है।

 

धारचूला से मोटर मार्ग से नेपाल जाने के लिए लोगों को पिथौरागढ,टनकपुर, बरबसा, महेंद्रनगर होते हुए नेपाल तक की करीब 500 किमी की दूरी तय करनी होती थी, लेकिन पुलिस निर्माण के बाद दोनों देशों के बीच आवागमन बहुत आसान हो जाएगा। सीएम धामी ने उम्मीद जताई कि यह पुल अगले एक साल में बनकर तैयार हो जाएगा। धारचूला निवासियों से लोगों को भरोसा दिलाया कि पुलिस की गुणवत्ता से किसी भी प्रकार से समझौता नहीं किया जाएगा, और तय समयसीमा पर ही पुल का निर्माण कार्य पूरा कर लिया जाएगा।

उनका कहना हैं कि पुल के शिलान्यास होते ही नेपाल में जमीनों के दाम में उछाल हुआ है, जबकि पिथौरागढ़ जिले में पुलिस के आसपास के क्षेत्रों में जमीन बिक चुकी हैं। सीएम धामी ने कहा पुल के निर्माण के बाद से दोनों देशों के नागरिकों के बीच रिश्ते पहले से ज्यादा मधुर होंगे। कहा कि सीमांत पिथौरागढ़ में ग्रामीणों और गर्भवती महिलाओं की समस्या को देखते हुए उत्तराखंड सरकार ने पिथौरागढ़ जिले में हेलीकॉप्टर की समयसीमा को बढ़ा दिया है।

मानसूनी सीजन के दौरान आपात स्थिति में ग्रामीणों को रेस्क्यू कर अस्पतालों तक पहुंचाने के लिए व्यवस्था की गई है। काली नदी पर चिंता जताते हुए सीएम धामी ने कि सरकार आपदा के लिए पूरी तैयार है। प्रशासन को सख्त हिदायत दी गई है कि आपदा के समय अविलंब राहत व रेस्क्यू कार्य को शुरू किया जाए, ताकि ग्रामीणों की जान बचाई जा सके।

 

 

 

 

 

 

 

 

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