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2030 तक भारत का होगा अपना अंतरिक्ष स्टेशन..

2030 तक भारत का होगा अपना अंतरिक्ष स्टेशन..

2022 के अंत में पहले दो मानवरहित मिशन होंगे लॉन्च..

अध्यादेश के लिए विपक्ष को ठहराया जिम्मेदार..

 

 

022 के अंत तक गगनयान से पहले दो मानवरहित मिशन अंतरिक्ष में भेजेगा भारत। राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान पूछे गए सवालों के जवाब में केंद्रीय राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने यह जानकारी दी।

 

 

देश-विदेश: 2022 के अंत तक गगनयान से पहले दो मानवरहित मिशन अंतरिक्ष में भेजेगा भारत। राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान पूछे गए सवालों के जवाब में केंद्रीय राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने यह जानकारी दी। उनका कहना हैं कि भारत की योजना 2030 तक एक अंतरिक्ष स्टेशन स्थापित करने की है जो अपनी तरह का अनोखा स्टेशन होगा।

केंद्रीय मंत्री का कहना हैं कि मानवरहित मिशन पूरी तरह रोबोटिक होंगे। इनमें से एक अगले साल की शुरूआत और दूसरे मिशन को साल के अंत तक भेजा जाएगा। सिंह का कहना हैं कि गगनयान की सफलता के साथ ही भारत अंतरिक्ष क्षेत्र में विश्व में अग्रिम पंक्ति के देशों में शुमार हो जाएगा।

 

शुक्र और सौर मिशन की भी तैयारी..

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) की उपलब्धियों का जिक्र करते हुए कहा कि गगनयान के साथ ही शुक्र मिशन, सौर मिशन (आदित्य) और चंद्रयान के लिए भी काम जारी है। कोविड महामारी के कारण विभिन्न मिशन में देरी हुई और लेकिन अब इसके लिए तैयारियां तेजी से शुरू हो गई हैं और चंद्रयान के अगले साल भेजे जाने की योजना है।

गगनयान पृथ्वी की निचली कक्षा तक सफर..

गगनयान मिशन के माध्यम से कोई भी व्यक्ति पृथ्वी की निचली कक्षा तक का सफर कर सकेगा। इस मिशन के लिए 500 से ज्यादा प्रतिष्ठान शामिल हैं। इसके लिए कई रिसर्च मॉड्यूल बनाए गए हैं, इसमें भारत में निर्मित रिसर्च मॉड्यूल भी शामिल है।

 

आपको बता दे कि तीखी नोंकझोंक और आरोपों-प्रत्यारोपों के बीच लोकसभा ने गुरुवार को केंद्रीय जांच एजेंसियों सीबीआई और केंद्रीय सतर्कता आयोग के प्रमुखों के कार्यकाल को पांच साल तक बढ़ाने संबंधी दो बिलों पर मुहर लगा दी। बिल पर चर्चा के दौरान विपक्ष ने सरकार पर इन जांच एजेंसियों का अपने राजनीतिक हित में दुरुपयोग करने का आरोप लगाया। चर्चा का जवाब देते हुए प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि बढ़ती अंतरराष्ट्रीय चुनौतियों के मुद्देनजर एजेंसियों को चुस्त-दुरुस्त बनाना जरूरी है।

केंद्रीय मंत्री का कहना हैं कि सरकार ने इनका कार्यकाल नहीं बढ़ाया है, बल्कि इनके कार्यकाल की समय सीमा तय की है। बिल के प्रावधानों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि अब इन जांच एजेंसियों का न्यूनतम कार्यकाल दो वर्षों का होगा। जरूरत पड़ने पर इन्हें एक-एक साल का तीन सेवा विस्तार दिया जा सकता है।

 

केंद्रीय मंत्री ने अध्यादेश का विकल्प चुनने के लिए विपक्ष के रवैये को जिम्मेदार ठहराया। उनका कहना हैं कि सदन की कार्यवाही चलेगी या नहीं यह निश्चित नहीं है। बीता मानसून सत्र हंगामे के कारण पूरी तरह से धुल गया। ऐसे में सरकार जरूरी कानून के लिए संसद के सत्र पर निर्भर नहीं रह सकती।

विपक्ष ने लगाए गंभीर आरोप..

विपक्ष ने सरकार पर एजेंसियों के राजनीतिक इस्तेमाल का आरोप लगाया। टीएमसी के सौगत राय ने कहा कि यह पूरी कवायद सीवीसी के मुखिया संजय मिश्रा को एक और कार्यकाल देने के लिए की गई। बीजेडी के भर्तृहरि महताब ने कहा कि इसे लेकर अध्यादेश लाना संदेह उत्पन्न करता है।

 

 

 

 

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