उत्तराखंड

पंचायत और निकायों की वित्तीय स्थिति में किया जा रहा सुधार..

वित्त आयोग के अध्यक्ष ने ली प्रतिनिधियों की बैठक

रुद्रप्रयाग: भारत के संविधान के अनुच्छेद 243 झ व 243 म के अंतर्गत गठित पांचवा राज्य वित्त आयोग के अध्यक्ष इंदु कुमार पांडेय (सेवानिवृत मुख्य सचिव) ने जिला पंचायत सभागार में शहरी स्थानीय निकायों व पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधियों की सुनवाई के लिए बैठक आयोजित की। कोरोना महामारी को दृष्टिगत रखते हुए प्रथम बैठक नगर निकाय सदस्य व अध्यक्ष, द्वितीय बैठक जिला पंचायत सदस्य, तृतीय बैठक क्षेत्र पंचायत प्रमुख और सदस्य तथा अंतिम बैठक ग्राम प्रधान के साथ आयोजित की गई।

बैठक में राज्य वित्त आयोग के अध्यक्ष इंदु कुमार पांडेय ने राज्य वित्त आयोग के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि आयोग ग्राम पंचायतों, क्षेत्र पंचायतों, जिला पंचायतों और शहरी निकायों की वित्तीय स्थिति में सुधार लाने के कार्य कर रहा है। बढ़ते शहरीकरण और आबादी के हिसाब से उपलब्ध अवस्थापना का आकलन, पंचायतों और निकायों में सुधारों की स्थिति का आकलन करता है। इसके अलावा राज्य सरकार के संसाधनों, प्रशासनिक खर्च व अन्य प्रतिबद्ध व्यय एवं दायित्व का निर्धारण करता है। सरकार द्वारा गठित समिति तय करती है कि राज्य सरकार के स्वयं के करों में से कितना हिस्सा पंचायतों और स्थानीय निकायों को दिया जाए। उसकी सिफारिशों पर सरकार का पंचायतों और निकायों के लिए करों की हिस्सेदारी का निर्धारण किया जाता है। आयोग को यह शक्ति है कि वह किसी भी अधिकारी से सूचना व अभिलेख की मांग कर सकता है। इसके लिए किसी व्यक्ति को बुला सकता है। बैठक में जनप्रतिनिधियों द्वारा अपने सुझावों आयोग को दिए गए साथ ही प्रत्यावेदन भी दिया गया। अध्यक्ष द्वारा सुझावों को ध्यानपूर्वक सुना गया। बैठक में जिला पंचायत अध्यक्ष अमर देई शाह, उपाध्यक्ष समुंत तिवाड़ी, नगरपालिका अध्यक्ष गीता झिंक्वान, जिलाधिकारी वंदना सिंह, सीडीओ भरत चंद्र भट्ट सहित जनप्रतिनिधि उपस्थित थे।

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