उत्तराखंड

हाईकोर्ट ने दिए सीएम पर आरोपों के मामले में सीबीआई जांच के आदेश..

हाईकोर्ट ने दिए सीएम पर आरोपों के मामले में सीबीआई जांच के आदेश..

उत्तराखंड : उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को हाईकोर्ट से तगड़ा झटका लगा है। हाईकोर्ट ने उनके खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच सीबीआई को सौंपी है। कोर्ट ने सीबीआई को FIR दर्ज कर सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत पर लगे करप्शन के आरोपों की जांच करने के लिए कहा है।

हाई कोर्ट ने यह आदेश पत्रकार उमेश शर्मा के खिलाफ मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की छवि बिगाड़ने के मामले में दर्ज FIR को रद्द करते हुए दिया। शर्मा के खिलाफ देहरादून के एक थाने में दर्ज एफआईआर को रद्द करने के आदेश देते हुए न्यायमूर्ति रविंद्र मैठाणी की एकल पीठ ने यह भी कहा कि इस मामले के सभी दस्तावेज अदालत में जमा कराए जाएं।

उमेश ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर अपने ऊपर देहरादून थाने में दर्ज मुकदमा निरस्त करने की मांग की थी। उनके खिलाफ सेवानिवृत्त प्रो. हरेंद्र सिंह रावत ने नेहरू कॉलोनी थाने में ब्लैकमेलिंग सहित विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया था।

 

 

कोर्ट ने उमेश की याचिका में की गई शिकायत का स्वत: संज्ञान लिया। कोर्ट ने आदेश के निष्कर्ष में कहा कि याचिका के पैरा आठ में लगाए आरोपों के आधार पर सीबीआई मुकदमा दर्ज करे।  याचिका के पैरा आठ की शिकायतों का निष्कर्ष में उल्लेख नहीं है। आदेश में कहा गया है कि उमेश की याचिका में लगाए आरोपों के आधार पर जांच का आदेश कोर्ट दे सकता है। सीएम रावत के खिलाफ लगे आरोपों की प्रकृति को देखते हुए यह जरूरी होगा कि सच सामने आए।

 

हाईकोर्ट के फैसले से असहज प्रदेश सरकार अब सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी कर रही है। सरकार फैसले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी (विशेष अनुमति याचिका) दायर कर सकती है। सूत्रों के मुताबिक, अदालत का फैसला आने के बाद इसे लेकर शासन स्तर पर गहन मंथन शुरू हो गया है।

उधर, सुप्रीम कोर्ट में उत्तराखंड की एडवोकेट ऑन रिकार्ड वंशजा शुक्ला को तैयार रहने के लिए कहा गया है। उनके सहयोग के लिए एक उपमहाधिवक्ता को तैनात किया जाएगा। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने हालांकि न्यायालय के फैसले का स्वागत किया है।

उन्होंने सरकार के विधि अधिकारियों को फैसले के आलोक में पूरी तैयारी रखने के लिए इशारा कर दिया है। मुख्यमंत्री कार्यालय के सूत्रों ने फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने के संकेत दिए हैं।

 

 

कांग्रेस ने की सीएम से इस्तीफे की मांग..

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह और उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने सीएम पर आरोप के मामले में हाईकोर्ट के सीबीआई जांच के आदेश मामले में सरकार पर हमला बोला है।

प्रीतम सिंह ने कहा कि यह राज्य के इतिहास में यह अपने आप में पहला मामला है। जांच में निष्पक्षता और पद की गरिमा के संरक्षण के लिए सीएम को नैतिकता के आधार पर तत्काल इस्तीफा दे देना चाहिए।

वहीं, कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने लिखा कि हाईकोर्ट ने मामले में सीबीआई जांच के आदेश दिए हैं। केंद्र में भी भाजपा की सरकार है और राज्य में भी। ऐसे में जांच को प्रभावित न होने देने के लिए सीएम को अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए।

सरकार को अस्थिर करने का आरोप लगा था उमेश पर..

वर्ष 2020 में झूठी खबरें प्रकाशित कर सरकार को अस्थिर करने के मामले में पुलिस ने उमेश कुमार समेत चार लोगों पर मुकदमा दर्ज किया था। डिफेंस कालोनी निवासी डॉ. हरेंद्र सिंह रावत ने जुलाई 2020 को यह यह मुकदमा नेहरू कालोनी थाने में दर्ज कराया था।

शिकायत में उन्होंने एक वीडियो का हवाला दिया था, जिसमें झारखंड के निवासी अमृतेश चौहान नाम के व्यक्ति को गो सेवा आयोग का अध्यक्ष बनाने के नाम पर घूस की धनराशि सीएम को भेजने की बातें कही गई थीं। इस आरोप को उन्होंने बेबुनियाद बता कर कार्रवाई करने को कहा था।

 

 

पत्रकार उमेश कुमार को रायपुर थाने में 2007 में दर्ज एक मुकदमे में सुप्रीम कोर्ट से राहत भी मिली थी। इस केस में फाइनल रिपोर्ट लग चुकी थी। लेकिन 2010 में यह मामला फिर शुरू हो गया था। वर्ष 2019 में उमेश शर्मा ने आरोप लगाया था कि दून पुलिस ने कोर्ट से गिरफ्तारी और सर्च वारंट लेने में फर्जीवाड़ा किया।

हाईकोर्ट में उमेश शर्मा ने उन पर दर्ज मुकदमे को निरस्त करने की याचिका दायर की। उनका कहना था कि स्टिंग आपरेशन के कारण उन्हें झूठे मामले में फंसाया जा रहा है। याचिका में मामले की जांच सीबीआई से कराने और दर्ज प्राथमिकी निरस्त करने की मांग की थी।

 

 

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