पहाड़ों की रानी मसूरी और ऋषिकेश पर्यटकों से गुलजार..
उत्तराखंड : लॉकडाउन के बाद से ठप पड़े व्यापार और पर्यटन गतिविधियों में लगातार उछाल देखा जा रहा है। पर्यटक भी मसूरी के ठंडे मौसम का जमकर लुफ्त उठा रहे हैं।स्थानीय लोंगों के अनुसार लॉकडाउन और कोरोना संक्रमण से उनका व्यापार पूरी तरीके से ठप हो गया था। उत्तराखंड सरकार द्वारा पर्यटन को पूरी तरीके से खोलने और पर्यटकों को कोरोना जांच आदि में छूट देने के बाद से लगातार पर्यटकों की संख्या बढ़ रही है। शहर में लगातार पर्यटकों की आमद बढ़ने से स्थानीय लोगों के साथ ही व्यापारियों के चेहरे खिले हुए हैं।
तीर्थनगरी ऋषिकेश में भी पर्यटकों की भीड़ बढ़ी है। शहर के अधिकतर होटलों में एक बार फिर से पर्यटकों की भीड़ उमड़ने से व्यापारियों के चेहरे भी खिल गए हैं। शहर में भीड़ बढ़ने से मुनिकीरेती तपोवन क्षेत्र में जाम भी लग रहा है। राम झूला, स्वर्गाश्रम क्षेत्र में भी बहुत समय के बाद पर्यटकों की चहल बड़ी है। इससे सात माह से खाली बैठे छोटे बड़े व्यापारियों के चेहरे पर भी खुशी की मुस्कान है। इधर, राफ्टिंग के शौकीन भी बड़ी संख्या में उमड़ रहे हैं। शहर में भीड़ की स्थिति को देखते हुए पुलिस प्रशासन ने भी अपनी मुस्तैदी बढ़ा दी है, जगह-जगह बैरियर पर पुलिस का कड़ा पहरा है।
पिछले दो हफ्ते से लगातार पर्यटन से जुडे़ व्यापार में वृद्धि हो रही है। सात महीने से घर बैठे लोगों को रोजगार मिलने लगा है। पर्यटकों का कहना है कि काफी समय से वह मसूरी आना चाहते थे, परंतु सरकार ने कोरोना संक्रमण को लेकर पाबंदी लगा रखी थी। छूट मिलने के बाद वह परिवार के साथ मसूरी घूमने के लिए आ गए और जमकर प्राकृतिक सौंदर्य के साथ कूल मौसम का आनंद ले रहे हैं।
यही नहीं पर्यटकों के आवागमन को देखते हुए नगर में प्रवेश करने वाले मार्गों पर नो मास्क-नो एंट्री जैसे संदेश वाले होर्डिंग भी लगाए हैं। होर्डिंगों में ‘जब तक दवाई नहीं, तब तक ढिलाई नहीं’ संदेश को प्रमुखता से दर्शाया गया है।
स्थानीय लोगों और सैलानियों को कोरोना से बचाव के प्रति जागरूक करने के लिए फ्लेक्सी और होर्डिंग्स लगाए गए हैं। नगर में प्रवेश करने वाले सैलानियों और स्थानीय लोगों के लिए घर से बाहर मास्क अनिवार्य किया गया है।