रविवार देर रात मध्यमहेश्वर धाम में भारी बारिश से पानी मन्दिर प्रांगण में भर गया..
याद दिला दी 2013 की केदारनाथ आपदा…
उत्तराखंड । रविवार देर रात मध्यमहेश्वर धाम में भारी बारिश से पानी मन्दिर प्रांगण में भर गया। जिससे मंदिर के पुजारी,स्थानीय हकहकुधारियों एवं कर्मचारी भागकर सुरक्षित स्थान पर पहुँचे। रविवार को मध्यमहेश्वर घाटी में भारी बारिश से कई जगहों पर पैदल मार्ग भी क्षतिग्रस्त हुए। रविवार देर रात करीब नौ बजे मध्यमहेश्वर मन्दिर के ऊपर पहाड़ी से भारी बारिश से तेज पानी का बहाव आया।
जिससे मुख्य मंदिर के चौक में करीब तीन फीट तक पानी भर गया और पार्वती व गौरीशंकर मंदिर पानी में डूब गए। वहीं लगातार पानी के बढ़ते तेज बहाव को देखते हुए मंदिर के पुजारी गंगाधर लिंग,स्थानीय गोंडार के ग्रामीण व मंदिर के कर्मचारी सुरक्षित स्थान की ओर गए। रात को करीब दो घण्टे लगातार तेज बारिश होती रही। सम्भावना यह भी जतायी जा रही है कि कहीं दूर पहाड़ो पर बादल फटने के बाद पानी का बहाव एकाएक बढ़ गया हो।
मध्यमहेश्वर मंदिर के ऊपर स्थित पहाड़ी पर जल मोड़ नाली न होने के कारण पिछले वर्ष भी मंदिर प्रांगण में पानी भर गया था। लेकिन उसके बावजूद भी सुरक्षा के किसी भी प्रकार के इंतजाम नहीं किए गए हैं।
वहीं नेटवर्क कनेक्टिविटी न होने कारण ऐसी आपातकालीन स्थिति में किसी से भी संपर्क नहीं हो पाता है। करीब दो किमी दूर आने के बाद ही किसी से सम्पर्क हो सकता है। पुजारी गंगाधर लिंग ने बताया कि रात करीब नौ बजे भारी बारिश से मंदिर प्रांगण में पानी भर गया वहीं जलमोड़ नाली न होने से पूरा पानी मंदिर में एकत्रित हो रहा है। ग्राम प्रधान गोंडार वीर सिंह ने बताया कि पिछले वर्ष भी मंदिर प्रांगण में करीब तीन फीट पानी भर गया था उसके बावजूद सरकार द्वारा सुरक्षा के कोई भी इंतजाम नहीं किए गए।